आज बीकानेर में सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत –
अमेरिकी राष्ट्रपति श्री ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए टैरिफ के मामले में पूछे गए सवाल के जवाब में :
देखिए एक तो ट्रंप साहब जिस रूप में व्यवहार कर रहे हैं वो अजीब लग रहा है पूरे मुल्क को, पच्चीस तीस बार तो बोल चुके हैं , पच्चीस तीस बार बोल चुके हैं कि जो है इंडो पाक वॉर मैने रुकवा दिया, और हमारे विदेश मंत्री कह रहे हैं कि कोई भी दुनिया के मुल्क का हस्तक्षेप नहीं था, खुल के राहुल गांधी जी को जवाब दे नहीं रहे मोदी जी, आपको कहने में क्या हर्ज है कि ये बिलकुल मिस्टर ट्रंप झूठ बोल रहे हैं उनका कोई हस्तक्षेप नहीं था ये कहने में हर्ज क्या है ? परसों डिबेट के अंदर वो बोल नहीं पाए पूरे देश में आलोचना हो रही है उसकी। अब उन स्थितियों में ट्रंप ने ये जो अचानक ही जो 25% का अनाउसमेंट किया है साथ में पेनल्टी भी, ये भी अचानक आ गया शेयर मार्केट घिर गया, और संभावना है कि उसमें कई ट्रेड जो हैं वो डाउन जाएंगे तो अभी जो है भारत सरकार उनके स्तर पर है कि वो क्या बिहेव कर रहे हैं क्या बातचीत कर रहे हैं क्योंकि मैंने सुना अभी तक निगोशिएशन चल रहा है, निगोशिएशन चल रहा है तो हो सकता है यूएस प्रेजिडेंट जो हैं चालाकी से निगोशिएशन करने के लिए बार्गेनिंग करने के लिए भी ये अनाउसमेंट कर दिया हो और निगोशिएशन अभी एक सप्ताह और चलेगा मैंने सुना है और अल्टीमेटली क्या फैसला होता है उस पर डिपेंड करेगा पूरा खेल। उनको तकलीफ है कि हम लोग ज्यादा टैरिफ लगाए हुए हैं इंडिया वाले, उनको तकलीफ है कि रशिया से आप क्यों समान खरीद रहे हो, एनर्जी का भी और मिलिट्री का भी सैनिकों का भी, ये तकलीफ उनको है, उसका नाम लेकर टैरिफ लगाने का जो फैसला कर रहे हैं तो रशिया तो वैसे हमारे पचास साठ साल से हम देख रहे हैं हमेशा से ही हमारा वहां पर ट्रेड रहा है। तेल भी वहां से आता है हमारे वहां पर मिलिट्री के साजो समान भी वहां से आते रहे हैं तो उनको तकलीफ अब क्यों हुई है पहली बार, अमेरिका के प्रेसिडेंट को या वहां की गवर्नमेंट को तकलीफ क्यों हो रही है, पर आपके साथ में इतने संबंध सुधरे हैं इतने लंबे अर्से से और यहां तक पहुंच गए कि अगली सरकार ट्रंप सरकार, कम बात है क्या, एक देश का प्राइम मिनिस्टर जा के कहे दूसरे मुल्क में हम तो उसको ठीक नहीं मानते अलग बात है हमारी दृष्टि के अंदर ऐसा होना नहीं चाहिए था पर पीएम मोदी जी ने तो एक्सट्रीमली अपना जो संबंध था भावनात्मक उनसे मिस्टर ट्रंप से, वो प्रकट कर दिया, पूरे प्रवासियों को इकट्ठा किया, उनका हाथ पकड़ा फिर वो पूरा चक्कर लगाया अगली सरकार ट्रंप सरकार, हाउडी मोदी कर दिया हाउडी मोदी करें हाउडी क्या अमेरिका कुछ किया, तो कहने का मतलब अब जो स्थिति बनी है ये संबंध अब कहां काम आ रहे हैं, अंतरराष्ट्रीय जगत के अंदर विदेश नीति जो आपकी होती है वो विदेश नीति सरकारें बदलती गईं पर विदेश नीति कभी नहीं बदली जो पंडित नेहरू के जमाने में विदेश नीति स्थापित हुई थी वो विदेश नीति लगातार रही है देश के अंदर, चाहे सरकार किसी भी पार्टी की बनी हो वाजपेई की गवर्नमेंट क्यों न बनी हो, मोरारजी भाई देसाई जब बने थे प्राइम मिनिस्टर और मोरारजी देशों देसाई के साथ में अटलबिहारी वाजपई बने थे विदेश मंत्री तब खुला कहा था कि हमारी विदेश नीति वही रहेगी जो पंडित नेहरू की चली आ रही है।
ये मोदी जी के वक्त में जो राइट लेफ्ट हो रहा है न उसका नुकसान हम भुगत रहे हैं, तमाम पड़ोसी मुल्कों से हमारी दुश्मनी हो गई, नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान, आप बताइए, म्यांमार, हमारे पड़ोसी हमारे साथ नहीं दुनिया हमारे साथ नहीं, इंडो पाक ऑपरेशन सिंदूर हुआ तो खाली आपका जो पाकिस्तान को सेव करने वाले कौन थे चाइना खुल के था टर्किश खुल के था, आर्मेनिया या कोई नाम कंट्री का वो था और रशिया चुप था तो उनको भी थोड़ा फील हुआ होगा हमारी विदेश नीति में कुछ डायवर्शन हो रहा होगा मेरा अंदाज है। ये नौबत क्यों बनी , अमेरिका तो पता नहीं क्या कर रहा था तो मैं शॉर्ट में ये कहना चाहूंगा जहां तक मैं समझ पाता हूं मेरा जो अनुभव है कि ये जो ट्रंप ने बहाना बनाया है अब देखते हैं सात दिन या जो कह रहे हैं कि अभी निगोशिएशन चल रहा है मैने सुना है तो उसके बाद में क्या परिणाम निकलते हैं उस पर डिपेंड करेगा। भारत सरकार भी अपनी पॉलिसी बनाएगी नई जहां से ड्यूटी कम होगी उन मुल्कों का सहयोग लेगी, कोई न कोई तरीका निकालेंगे जो कि कम्पनसेट कैसे हो सके डिपेंड करता है भारत सरकार पर। हमारे ऊपर नहीं करता है।
