बीकानेर।जिले की 94 वर्षीय पानी देवी, जिन्हें लोग ‘गोल्डन ग्रैंडमा’ के नाम से भी जानते हैं, ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी असाधारण प्रतिभा का परिचय दिया है। हाल ही में चेन्नई में आयोजित एशियाई मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में उन्होंने चार अलग-अलग स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीतकर न केवल बीकानेर, बल्कि पूरे देश का नाम गर्व से ऊँचा किया है। उनकी यह उपलब्धि साबित करती है कि जुनून और दृढ़ संकल्प के आगे उम्र की कोई सीमा नहीं होती।
एशियाई चैंपियनशिप में पानी देवी का प्रदर्शन वास्तव में अविस्मरणीय और अभूतपूर्व रहा है। उन्होंने 100 मीटर की दौड़ सहित कुल चार आयोजनों में शीर्ष स्थान हासिल किया। अन्य तीन इवेंट्स डिस्कस थ्रो (चक्का फेंक), शॉट पुट (गोला फेंक) और जेवलिन थ्रो (भाला फेंक) थे। उनका यह चौहरा स्वर्ण पदक विजय अभियान उनकी असाधारण फिटनेस, खेल के प्रति समर्पण और अदम्य साहस को दर्शाता है। वह 90+ आयु वर्ग में स्पर्धा करती हैं और अक्सर युवा एथलीटों को प्रेरित करती हैं।
पानी देवी गोदारा की सफलता का राज उनका सादा जीवन और कठोर नियमितता है। बीकानेर के अणखीसर गांव की मूल निवासी पानी देवी आज भी अपने डेयरी पशुओं की देखभाल और घर के काम खुद करती हैं। वह अपनी फिटनेस का श्रेय देशी खान-पान, जैसे दही, दूध, छाछ और राबड़ी को देती हैं, और किसी भी दवा से दूर रहती हैं। उन्हें खेलने के लिए उनके पोते और नेशनल खिलाड़ी जयकिशन गोदारा ने प्रेरित किया, जिन्होंने उन्हें प्रशिक्षण देना शुरू किया था।
पानी देवी की ये शानदार उपलब्धियां उन तमाम लोगों के लिए एक मजबूत संदेश हैं जो उम्र को अपने सपनों को पूरा करने में बाधा मानते हैं। एशियाई मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप के अलावा, उन्होंने बेंगलुरु में आयोजित 45वीं नेशनल मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भी तीन स्वर्ण पदक जीते थे। उनका अगला लक्ष्य अगस्त में स्वीडन में होने वाली वर्ल्ड चैंपियनशिप और सितंबर में इंडोनेशिया में होने वाली एशियन मास्टर एथलेटिक्स प्रतियोगिता में भाग लेना है। पूरा देश उनके आत्मविश्वास और जीत के जज्बे को सलाम कर रहा है।

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