नृसिंह मंदिरों से नगाड़ों की आवाज, हाथ में हंटर और काले लिबास में गली-गली घूम रहे हरिण्य कश्यप का रूप धरे व्यक्ति और उनके पीछे हिरणा कृष्णा गोविंदा प्रहलाद भजे…के बोल के साथ घूमती लड़कों की टोली।ये नजारा मंगलवार सुबह से ही उन मंदिरों का था जहां नृसिंह चतुर्दशी पर मेला लगा। इतना ही नहीं इन स्थानों को लाइटों और फरियों से सजाया भी गया।मंदिरों में वेद मंत्रों से साथ भगवान नृसिंह अभिषेक कर पूजन और शृंगार किया गया। नृसिंह चतुर्दशी को श्रद्धालुओं ने व्रत रख भगवान नृसिंह की पूजा की। शाम होते-होते नृसिंह लीला देखने को मंदिरों के पास लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। प्रहलाद की रक्षा के लिए भगवान नृसिंह का अवतार के साथ हरिण्य कश्यप के साथ उनके युद्ध और अंत में हरिण्य कश्यप का वध जैसे दृश्य देख श्रद्धालु रोमांचित हो गए और गूंजने लगे भगवान के जैकारे।
पंचामृत का प्रसाद लेकर लौटे लोग अपने बच्चों को प्रहलाद और हरिण्य काश्यप के बारे जानकारी देते तथा बुराई पर अच्छाई की जीत का सबक सीखाते भी दिखे। लखोटियों का चौक,डागा चौक,लालाणी व्यासों का चौक,नत्थूसर गेट,किराडूओं की गली,जस्सूसर गेट के अंदर,दम्माणी चौक,दुजारियों की गली,गोगागेट आदि स्थानों पर मेले लगे। लखोटियों के चौक में मनोज के बिस्सा ने नृसिंह,अश्वनी व्यास ने हिरण्यकश्यप,पीयूष ओझा ने भक्त प्रहलाद,लालाणी व्यासों के चौक में अभिषेक पुरोहित नृसिंह तथा निशांत पुरोहित ने हिरण्य कश्यप तथा राघव किराडू ने प्रहलाद का पात्र निभाया। तो नत्थूसर गेट स्थित मेले में गोविन्द पुरोहित नृसि ंह,महेश कुमार हिरण्यकश्यप बने।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *