चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिशाषी अभियंता, लेखाधिकारी एवं संविदाकर्मी को रिश्वत लेते किया ट्रैप

जयपुर की एसीबी टीम ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के कार्यालय में अधिशाषी अभियंता जगन लाल मीणा, सहायक लेखाधिकारी सीताराम वर्मा व संविदा कर्मी जय नारायण शर्मा को बिल पास करने के एवज मे एक लाख रुपए की रिश्वत की राशि लेते हुए गिरफ्तार कर लिया।
एसीबी के पुलिस निरीक्षक रघुवीर शरण शर्मा ने बताया कि कृष्णा कंट्रेशन कम्पनी के ठेकेदार ने शिक़ायत दर्ज कराई थी कि कम्पनी ने दौसा के लालसोट में 66 लाख रुपए की लागत से सब हैल्थ सेंटर का निर्माण किया था जिसमें कम्पनी का सात लाख रुपए का भुगतान बकाया था।
जिसका बिल पास कराने के एवज में अधिशाषी अभियंता लेखाधिकारी ने एक लाख रुपए की रिश्वत मांगी । एसीबी ने शिक़ायत का सत्यापन कराया जिसमें आरोपी अधिशाषी अभियंता व लेखाधिकारी द्वारा रिश्वत मांगने की पुष्टि हुई वही एसीबी की टीम ने 50 हज़ार रुपए की राशि अधिशाषी अभियंता की टेबल की रैक से तथा 50 हज़ार रूपये की राशि लेखाधिकारी के पेंट की जेब से बरामद की एसीबी की टीम ने तीनों आरोपियों की गिरफ्तार कर लिया है।
गौरतलब रहे कि लंबे अरसे से एक यूं डी सी जिसे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की शह तीन जगह नियुक्त किया हुआ है। हास्यास्पद बात यह भी है कि यह कर्मचारी अभी तक जुमले बाजी करते हुए करोड़ों रुपए की खरीद फरोख्त कर सरकार को अच्छा खासा चूना लगा चुका है इसकी खबर जिम्मेदार अधिकारियों को होने के बावजूद वो मौनव्रत धारण कर बैठे हैं जिससे उनकी मिलि भगत साफ नजर आ रही है। इसके अलावा उक्त कर्मचारी द्वारा अन्य स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के कामों को अटका कर प्रति सप्ताह सुलझाने के नाम पर लाखों रुपए बटोर रहा है। बहरहाल अभी इसके प्रकरणों के खुलासों के लिए आर टी आई भी लगाए जाने की सूचना है। सूत्रों ने बताया कि इस कर्मचारी द्वारा अभी तक करोड़ों रुपए की नकदी और जमीन जायदाद भी खुद और दूसरे रिश्तेदारों, मिलने वाले लोगों के नाम किए जाने की सूचनाएं भी हवा की तरह फैलती जा रही है। तथा शीघ्र ही इस पर भी बिल्ली के भाग्य से छीका टूट कर आफत बरपने की नौबत आ गई है।

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