राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, पवनपुरी दक्षिण विस्तार, बीकानेर

बच्चों के स्वेटर जर्सी वितरण मे विद्यालय स्टॉफ बना भामाशाह

बीकानेर / कर्तव्य पथ पर रहते हुए अनुशासन को सर्वोपरि मानते हुए छात्रो को शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए ताकि समाज व राष्ट्र के प्रति उनकी सोच का उपयोग हो सके, लगातार और व्यापक रूप से होने वाले शिक्षा के साथ साथ भौतिक संसाधनों के प्रयोग से सार्थक वातावरण बनेगा और बच्चों मे नियमितता बढेगी। यह बात समाज सेवी शंकर लाल मोदी ने सोमवार को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, पवनपुरी दक्षिण विस्तार, बीकानेर में विद्यार्थियो के विद्यालय स्टॉफ के सहयोग से आयोजित स्वेटर वितरण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप मे सम्बोधित करते हुए कही।
शिक्षक और विद्यार्थी के आपसी स्नेह को परिलक्षित करते हुए राउमावि दक्षिण विस्तार पवनपुरी विद्यालय के स्टॉफ रचना गुप्ता उपप्राचार्य, कार्यक्रम संयोजक रवि आचार्य, शिक्षक मोहम्मद रमजान, सविता राव, संतोंष पुनिया, किरण कंवर, के सहयोग से विद्यालय के 92 विद्यार्थियों को स्वेटर जर्सी तथा उच्च माध्यमिक की 14 छात्राओं को गर्म शॉल का वितरण कर बच्चों की तात्कालिक आवश्यकताओं को पूर्ण किया गया।

कडकडाती ठंड मे स्वेटर जर्सी पाकर सर्दी से राहत मिलने से बच्चों के चेहरे खिल उठे

भामाशाह श्रीमती रामा मोदी ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन से बच्चो को एक समान भाव से विद्यालय आने व रहने की प्रेरणा देता है। एक समान स्वेटर वितरण से विद्यार्थियों के साथ साथ विद्यालय की भी पहचान बनती है। उन्होने शिक्षको से इस प्रकार की भूमिका का निर्वहन करने का आव्हान किया।

अध्यक्षता करते हुए श्री नरसिंह सेवग ने कहा विद्यालय स्टॉफ के स्वयं भामाशाह बनकर स्वेटर जर्सी वितरण की अनुकरणीय पहल से निश्चित ही शिक्षक एवं विद्यार्थियों का संबन्ध प्रगाढ होंगें। उन्होने आहवान किया कि शिक्षक अपनी पूर्ण क्षमताओ का उपयोग करते हुए बालकों को आगे बढाने में कार्य करे तो निश्चित ही विद्यालय समाज और राष्ट्र उत्थान की और अग्रसर होगा।

संस्था प्रधान श्रीमती योगिता व्यास ने आगुन्तको का स्वागत किया। वितरण कार्यक्रम का संचालन रवि आचार्य ने किया कार्यक्रम में विद्यालय स्टाफ रचना गुप्ता उपप्राचार्य, रवि आचार्य, मोहम्मद रमजान, सविता राव, संतोंष पुनिया, किरण कंवर, वनीश मेहता, रामकुमार कासनिया, ललित मुंजाल, अरविन्द शेखावत, बंसत पांडे के साथ साथ अभिभावक गण भी उपस्थित रहे।

(योगिता व्यास) प्राचार्य

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