जालोर में प्रेम-प्रसंग के चलते जेठ की हत्या, सनसनीखेज हत्याकांड का पुलिस ने किया खुलासा, मृतक का सगे भाई- भाभी और उसके प्रेमी सहित आरोपी गिरफ्तार, हत्या के फांसी पर लटका कर आत्महत्या का रूप देकर शव को बिना पुलिस सूचना के दफनाया, 10 दिन बाद कब्र से निकालकर किया था पोस्टमार्टम, बदनामी के डर से हत्या करने की वारदात कबूली।
जालोर, राजस्थान
राजस्थान के जालोर जिले के बागोड़ा थाना क्षेत्र में प्रेम-प्रसंग के चलते हुए एक सनसनीखेज हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा किया है। मृतक का सगा भाई, भाभी और उसके प्रेमी इस हत्या में आरोपी पाए गए हैं। आरोपियों ने हत्या को आत्महत्या का रूप देने के लिए शव को फांसी पर लटकाया और बिना पुलिस को सूचना दिए उसे दफना दिया। 10 दिन बाद कब्र से शव निकालकर पोस्टमार्टम किया गया, जिसके बाद हत्या की पुष्टि हुई और पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने मृतक के भाई दुदाराम और उसकी पत्नी केली देवी और कली देवी के प्रेमी रणजीत सिंह को गिरफ्तार किया गया।
दरसल घटना बागोड़ा थाना क्षेत्र की है, जहां प्रेम प्रसंग और पारिवारिक विवाद के चलते महिला ने अपने प्रेमी और पति के साथ मिलकर जेठ की हत्या की। हत्या को आत्महत्या दर्शाते हुए शव को फांसी पर लटकाया गया और फिर अंतिम संस्कार कर दिया गया। पुलिस अधीक्षक ज्ञानचंद यादव के निर्देशन में थानाधिकारी हुकमाराम के नेतृत्व में गठित विशेष टीम ने जांच शुरू की।
पुलिस के अनुसार, 23 मई 2025 को मृतक नरसीराम के भतीजे डूंगराराम की सगाई के दौरान उसका अपने भाई दुदाराम से झगड़ा हुआ था। बाद में नरसीराम और उसकी पत्नी माफीदेवी ने दुदाराम की पत्नी केलीदेवी और उसके प्रेमी रणजीतसिंह के अवैध संबंधों को उजागर करने की चेतावनी दी थी। इसी के बाद तीनों ने मिलकर नरसीराम की हत्या की योजना बनाई।25 मई की रात पहले केलीदेवी ने माफीदेवी का मुंह कपड़े से दबाकर शोर मचाने से रोका, फिर रणजीतसिंह ने नरसीराम का मुंह दबाया और दुदाराम ने कुल्हाड़ी से वार किया, जबकि रणजीतसिंह ने लाठी से हमला किया। हत्या के बाद शव को फांसी पर लटकाकर आत्महत्या का रूप दिया गया और बिना पुलिस को सूचना दिए उसे दफना दिया गया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए शव को 10 दिन बाद जिला कलेक्टर के आदेश पर कब्र से निकालकर मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया गया, जिसमें यह स्पष्ट हुआ कि नरसीराम की मौत आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या थी।चश्मदीद माफीदेवी के बयान न्याय संहिता 183 बीएनएसएस के तहत न्यायालय में दर्ज कराए गए। गवाहों और भौतिक साक्ष्यों के आधार पर हत्या के षड्यंत्र का खुलासा हुआ और पुलिस ने आरोपी दुदाराम, केलीदेवी और रणजीतसिंह को गिरफ्तार किया।

डीवाईएसपी अन्नराजसिंह ने बताया कि मामले में मृतक के भाई आरोपी दुदाराम में पुलिस थाने में हत्या की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी जिसमें मृतक की पत्नी माफी देवी और संदिग्ध सावलाराम पर हत्या करने के लगाया गया था, मामले में गहन जांच और पूछताछ के बाद सामने आया कि आरोपी दुदाराम ने उसकी पत्नी केली देवी और उसके प्रेमी रणजीत सिंह के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची और नरसीराम की हत्या की वारदात को अंजाम दिया। जिस पर उक्त तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि आरोपी दुदाराम और उसकी पत्नी केली देवी ने उसके अवैध संबंधों के राज खुलने और बदनामी के डर से नरसीराम को मौत के घाट उतार दिया और पूरी वारदात को अंजाम दिया फिलहाल तीन आरोपी पुलिस की गिरफ्त में है जिनसे पुलिस कड़ी पूछताछ जारी है।

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