‘हर काम देश के नाम’
द्वितीय प्रोमो रन – “ऑनर रन 2025”
आगामी “ऑनर रन – 2025” (Honour Run – 2025) के पूर्वाभ्यास कार्यक्रम के रूप में, द्वितीय प्रोमो रन का आयोजन 09 नवम्बर 2025 को जयपुर मिलिट्री स्टेशन के गांडीव स्टेडियम में सप्त शक्ति कमान के तत्वावधान में किया गया।
यह आयोजन “भारतीय सेना : शौर्य और बलिदान की परंपरा” की तर्ज  पर आधारित था, जो भारतीय सेना के शौर्य, बलिदान और गौरवशाली परंपराओं का प्रतीक है। इस दौड़ को लेफ्टिनेंट जनरल मंजिंदर सिंह, आर्मी कमांडर, सप्त शक्ति कमान द्वारा फ्लैग ऑफ किया गया।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में सेवारत सैनिकों, पूर्व सैनिकों, उनके परिवारों और स्थानीय नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। आर्मी कमांडर ने प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि यह दौड़ देश के नागरिकों की ओर से हमारे सैनिकों और पूर्व सैनिकों के अदम्य साहस को श्रद्धांजलि  है। उन्होंने मीडिया से भी बातचीत की और इस बात पर ज़ोर दिया कि यह दौड़ हमारे उन सैनिकों और पूर्व सैनिकों के प्रति हमारे सम्मान का प्रतीक है जिन्होंने जल, थल और आकाश में हमारी सीमाओं की सुरक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने नागरिकों को 7 दिसंबर को मुख्य दौड़ (Honour Run) में भाग लेने और अपने वीरों के प्रति राष्ट्र की गहरी कृतज्ञता का हिस्सा बनने के लिए भी प्रोत्साहित किया।
क्वींस रोड और जयपुर मिलिट्री स्टेशन के सुन्दर मार्गों से होकर निकली यह दौड़ शारीरिक फिटनेस, राष्ट्रीय एकता और सशस्त्र बलों के प्रति गर्व की भावना को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी। सेना के जवानों के साथ नागरिकों की बड़ी संख्या में सहभागिता ने भारतीय सेना और देश की जनता के बीच मजबूत संबंधों को उजागर किया।
आगामी “ऑनर रन 2025” हमारे सम्मानित पूर्व सैनिकों के साहस और बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए समर्पित है। यह आयोजन 07 दिसम्बर 2025 को प्रस्तावित है, जिसमें 21 किलोमीटर और 10 किलोमीटर की प्रतिस्पर्धात्मक श्रेणियाँ होंगी तथा इसमें क्षेत्रभर से बड़ी संख्या में प्रतिभागियों के शामिल होने की संभावना है। यह कार्यक्रम भारतीय सेना की फिटनेस, अनुशासन, एकता तथा सेवा और बलिदान की भावना के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
द्वितीय प्रोमो रन का समापन प्रेरणादायक संदेश के साथ हुआ, जिसमें “पूर्व सैनिकों के शौर्य और बलिदान को सम्मानित करने हेतु दौड़” की भावना को पुनः प्रकट किया गया तथा भारतीय सेना और नागरिकों के बीच अटूट बंधन का उत्सव मनाया गया।

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