तिब्बती समाज के धर्मगुरू दलाई लामा को आज के दिन शांति के लिये विश्व का सबसे बड़े नोबल पुरस्कार मिलने पर बीकानेर में तिब्बतीय रिफयूजी लोगों ने खुशी का इजहार किया। इस मौके पर तिब्बती समाज के लोगों ने पूजा कर एक दूसरे को मिठाई खिलाई। तथा वैदिक मंत्रोचारण के साथ प्रार्थना की। कार्यक्रम के दौरान तिब्बती समाज के सिरिंग दोरजे ने बताया कि वे प्रतिवर्ष इस तरह की पूजा अर्चना करते है,जिसमें मिठे चावल बांटने के साथ साथ चाय पिलाते है। गौरतलब रहे कि तिब्बत पर चीन के कब्जे के बाद दलाई लामा की अगुवाई में बड़ी संख्या में तिब्बतियों ने पलायन किया था। उन्होंने भारत में राजनीतिक शरण ली थी। वे 1959 से ही भारत में हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में रह रहे हैं और यहां से निर्वासित सरकार चला रहे हैं।
बाइट – सिरिंग दोरजे,तिब्बती।
