बीकानेर। शहर के जेएनवीसी थाना क्षेत्र स्थित घड़सीसर इलाके में नग्नावस्था में मिली सिर-हाथ कटी मिली महिला की लाश के मामले में हैरान करने वाला खुलासा हुआ है। बीकानेर पुलिस ने जोधपुर में पांचबत्ती के पास नाले से मृतका का सिर और हाथ एक कट्टे में से बरामद किये हैं। इसके साथ ही लिव रिलेशनशीप में रह रहे एक महिला और पुरूष को गिरफ्तार किया है। पत्रकारों को इस जघन्य हत्या की जानकारी देते हुए एसपी तेजस्विनी गौतम ने बताया कि मूलत: महाराष्ट्र की रहने वाली की 34 वर्षीय मुस्कान पत्नी मोहम्मद रफीक अपने माता-पिता के निधन के बाद पाली के शंकरनगर वार्ड संख्या 09 में रहती थी। जो जोधपुर में लिव रिलेशनशिप में रह रहे विकास मान व संगीता के संपर्क में थी। मुस्कान संगीता को अपनी बड़ी बहन समझती थी और विकास के साथ रहने के लिये मना करती थी। यह बात विकास को ना गंवारा लगी। घर छोडऩे के बहाने इन दोनों ने मुस्कान की हत्या कर शव को बीकानेर फेंक दिया। इस पूरे प्रकरण का पटाक्षेप करने में गंगाशहर थाने के हैड कांस्टेबल हेतराम और कोतवाली के कांस्टेबल शिवराज की अहम भूमिका रही। एसपी ने बताया कि आरोपियों ने मृतका की पहचान न हो इसके लिये सिर व हाथ क ाटे थे।
जोधपुर में मारा,बीकानेर लाकर गंडासे से काटा
एसपी गौतम ने बताया कि जोधपुर के शिकारगढ़ में रहने वाले झुंझुनूं निवासी विकास माल पुत्र लीलाधर जाट और हनुमानगढ़ में पीलीबंगा निवासी 35 वर्षीय संगीता ने मुस्कान को रास्ते से हटाने के लिया योजना बनाई। घर बदलने के बहाने उसे कार में साथ लेकर गए व दोनों ने मिलकर मार दिया। मुस्कान की हत्या जोधपुर में की गई थी। हत्या के बाद उसे बीकानेर ले आये। जोधपुर बाइपास से होते हुए घड़सीसर लाये,यहां गण्डासे से उसके हाथ व सिर काट दिये। सिर और हाथ अपने साथ ले गये। जबकि शेष हिस्सा यहाँ फेंक दिया। ये दोनों यहाँ से जोधपुर वापस गए और वहाँ पर सिर व हाथ पांचबत्ती नाले के पास फेंक दी।
इसलिए काटे हाथ
गौतम ने बताया कि पूछताछ के दौरान विकास ने मुस्कान के दोनों हाथ इसलिए काट दिये गये क्योंकि उन पर टैटू बने हुए थे। हत्यारों ने पूरा हाथ काट दिया क्योंकि इस पूरे हाथ पर टैटू था। दूसरे हाथ में कोहनी के नीचे तक टैटू था इसलिए उसे आधा काटा।
अलग अलग टीमों का किया गया गठन
एसपी ने बताया कि जिला पुलिस के लिये इस हत्या की गुत्थी एक चुनौती बन गई थी। जिसको सुलझाने के लिये अलग-अलग टीमें गठित की। इनमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दीपक शर्मा की अगुवाई में एसआईटी बनाई गई। जिसमें आईपीएस रमेश,सीओ गंगाशहर शालिनी बजाज,सीओ सिटी श्रवणदास संत,जेएनवीसी थानाधिकारी सुरेन्द्र पचार,कोटगेट थानाधिकारी मनोज शर्मा,बीछवाल थानाधिकारी नरेश निर्वाण,सदर थानाधिकारी सत्यनारायण गोदारा,डीएसटी के कुलदीप चारण, कोतवाली के परमेश्वर सुथार, मुक्त ाप्रसाद की रेणुबाला,उपनिरीक्षक नरेन्द्र,एसआई दीपक यादव आदि शामिल हुए। हालांकि सभी बड़े अधिकारी लगे रहे लेकिन गंगाशहर थाने के हैड कांस्टेबल हेतराम और कोतवाली के कांस्टेबल शिवराज ने तकनीकी साक्षों के आधार पर हत्या के आरोपियों केा चिह्नित कर लिया। इसके बाद पुलिस ने घेराबंदी कर एक महिला-पुरूष को दस्तयाब किया।
इस टीम ने आरोपियों को किया गिरफ्तार
पांच दिनों की खासी मशक्कत के बाद साइबर थाना पुलिस निरीक्षक गोविंद व्यास,जेएनवीसी पुलिस उप निरीक्षक नरेन्द्र,सहायक उप निरीक्षक दिलीपसिंह, हेतराम,मुकेश,शिवराज,कपिल,इमीचंद,धर्मेन्द्र की टीम ने जोधपुर से आरोपियों को गिरफ्तार किया।

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