बीकानेर में बीती रात दो बजे तक चले एक घटनाक्रम ने नगर निगम के इंतजाम और जिला प्रशासन की तत्तरता वाले दावों की पोल खोल दी। शहर के सैकड़ों लोग रात दो बजे 10 फीट गहरे नाले में गिरी गाय को निकालते में सबसे प्रमुख मार्ग पर जुटे रहे।सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार खडग़ावत और सोयेब भाई जैसे लोग खुद नाले में उतर गये। गौ-सेवा में जुटे जेडी भाई की गाड़ी आई। बार-बार कोशिश के बावजूद संसाधनों के अभाव में गाय को निकाल पाने में असमर्थ होते रहे। इन सबसे दूर नगर निगम और बीकानेर प्रशासन के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। रात लगभग 10:30 बजे शुरू हुई इस मशक्कत के बाद आखिरकार डेढ़ बजे एक जेसीबी मशीन आई।इस मशीन के पंजे में भी स्थानीय लोग नाले में उतरे। गाय को बांधा और बाहर निकाला। यहां यह बाना भी उल्लेखनीय है कि यह मशीन मंगवाने के लिये भी मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी महेन्द्र और कांग्रेस नेता नितिन वत्सस लगातार जद्दोजहद करते दिखे।दरअसल कोटगेट और रेलवे स्टेशन जैसे प्रमुख मार्ग के बीच मटका गली के मुहाने पर एक नाला संभवतया सफाई के लिये खोला गया था और लगभग चार से पांच फीट खुला पड़ा है। चार दिन पहले इसमें एक बाइक पर सवार दो युवक गिर गये जिन्हें मशक्कत के बाद निकाला जा सकता।बीती रात लगभग 10 बजे एक गाय इस नाले में गिर गई। लगभग 10 फीट की गहराई में घुटना तक गंदा पानी चल रहा था। लोग मदद का इंतजार करते रहे लेकिन प्रशासन-नगर निगम की तरफ से कोई नहीं आया। आखिरकार सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार खडग़ावत, सोयेब भाई सहित उनकी टीम के कई लोग मौके पर पहुंचे।गौसेवी जेडी भाई की गाड़ी मंगवाई। ये कार्यकर्ता गंदे पानी के नाले में 10 फीट गहराई पर उतरे। गाय को पहले रस्सी से बांधकर खींचते हुए निकालने का प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली। बाद में जंजीरों से बांधा तब भी असफल रहे। इस प्रक्रिया में दो से ढाई घंटे लग गये।इस दौरान पूरे समय शहर कांग्रेस के संगठन महामंत्री नितिन वत्सस मौके पर मौजूद रहे और लगातार अधिकारियों से मदद के लिए फोन करते रहे। खुद अपने स्तर पर भी संसाधन जुटाने की कोशिश की। बाद में कोटगेट थाने के महेन्द्र कुमार भी पहुंचे और दोनों के प्रयासों से रात को लगभग डेढ़ बजे जेसीबी मशीन आई। जेसीबी मशीन के पंजे से गाय को बांधने के लिए भी एक बार फिर सामाजिक कार्यकर्ता ही नाले में उतरे और गाय को बाहर निकलवाने में मदद की।मौके पर मौजूद लोगों नगर निगम और बीकानेर प्रशासन सहित जन प्रतिनिधियों के प्रति रह-रहकर आक्रोश उपजता दिख रहा था। गौ-सेवा की बातें करने वालों की संकट में फंसी गाय-माता को निकलवाने में अनदेखी पर एक महिला खूब खरी-खोटी सुना रही थी।

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