टोंक –
उपचुनाव के मतदान के दौरान समरावाता गांव में भड़के उपद्रव में दर्जनों वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा के समर्थकों और पुलिस के बीच हुई लाठी भाटा जंग में एक दर्जन पुलिस कर्मी घायल हुए और कई ग्रामीणों को भी चोटें लगी। इस बवाल में कितना नुकसान हुआ दिखाते
एक आर ए एस अधिकारी को नरेश मीणा ने जो थप्पड़ मारा उसकी गूंज रात के वक्त समरावता गांव के साथ पूरे टोंक प्रशासन ने सुनी। करीब डेढ़ घंटे तक हिंसा का खुला तांडव इस गांव में हुआ जिसकी निशानियां अब भी गांव में देखी जा सकती है।
जगह जगह जली हुई मोटरसाइकिल और जीप कार ये बताने के लिए काफ़ी है।
इस उपद्रव के बाद पुलिस ने करीब साठ लोगों के गिरफ्तार किया है। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा के ख़िलाफ़ पुलिस हिरासत से भागने, ऑन ड्यूटी प्रशासनिक अधिकारी के साथ मारपीट करने के मामले समेत कुल चार मुक़द्दमे नगर फोर्ट पुलिस थाने में दर्ज किए गए है। नरेश मीणा की तलाश में पुलिस जगह जगह छापेमार कार्रवाई कर रही है।
उपद्रव में कई ग्रामीण और उपद्रवी भी घायल हुए है। सड़क पर खड़े वाहनों को आग के हवाले करने के अलावा घर में खड़े वाहन और इमारतों में भी तोड़ फोड़ की गई।
पूरे समरवाता गाँव में इस घटना के बाद दहशत का माहौल है। जिस पोलिंग बूथ पर धरना चल रहा था वहाँ स्थानीय पत्रकार भी कवरेज के लिए मौजूद थे। हिंसा भड़की तो पत्रकारों ने भी पोलिंग स्टेशन में घुसकर ख़ुद की जान बचाई।
नरेश मीणा ने गांव के लोगों के साथ रात भर धरना देने की तैयारी कर रखी थी। इसके लिए आस पास के गांवों से भी लड़कों को बुलाया गया था।

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