आल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन की भूख हड़ताल बीकानेर शाखा के पूर्व सचिव नीलाभ सक्सेना ने कहा कि रेल प्रशासन लंबे समय से रनिंग स्टाफ के हितों की अनदेखी कर रहा है। उन्होंने चेतावनी दी, कि अगर मांगें नहीं मानी गई तो यूनियन आंदोलन को और तेज करेगी। उन्होंने कहा कि 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद सभी रेल कर्मचारियों के टीए भत्ते में 25 प्रतिशत की वृद्धि की गई। रनिंग कर्मचारियों के किलोमीटर भत्ते में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। कर्मचारियों ने किलोमीटर भत्ते की 70 प्रतिशत राशि को आयकर से मुक्त करने की मांग भी की है।उन्होंने कहा कि भारत में कानूनन एक दिन में 8 घंटे की ड्यूटी करने का प्रावधान है। लेकिन रेलवे के लोको पायलटों का कहना है कि वे 11 घंटे से 16 घंटे तक लगातार ड्यूटी करते हैं। इस वजह से हादसे भी होते रहते हैं। लेकिन सरकार की तरफ से उनके लिए समधान नहीं निकला है। इसलिए, उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बताए रास्ते पर चलने का फैसला किया है। गुरुवार को सुबह आठ बजे से 36 घंटे तक का उपवास शुरू कर दिया है। इस अवधि के दौरान जिन लोको पायलट्स की ड्यूटी पड़ेगी वे काम करेंगे, लेकिन भोजन नहीं करेंगे। वे भूखे पेट काम करेंगे और सरकार के समक्ष अपना विरोध जताएंगे।यह उपवास गुरुवार सुबह आठ बजे से शुक्रवार रात आठ बजे तक चलेगा। उन्होंने बताया कि ट्रेनों के लोको पायलट गुरुवार सुबह आठ बजे से भूख हड़ताल पर बैठे हैं। जो लोग ड्यूटी में हैं, वह भूखे रहकर काम कर रहे हैं। जो रेस्ट में हैं, वह डीआरएम ऑफिस के सामने भूखे रहकर धरना दे रहे हैं।

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