बीकानेर
आज की भारतीय करेंसी यानी की सिक्के,डाक टिकट और नोट तो आप सभी ने देखे हैं लेकिन हजारों साल पहले कैसे सिक्के होते थे? पहले लोग खरीदने के लिए किस करेंसी का उपयोग करते थे? ये करेंसी कैसी होती थी? इन डाक टिकटों में क्या झलकता था। दो हजार साल पुरानी करेंसी से लेकर आधुनिक करेंसी और डाक टिकटों के सफर के इतिहास रानीबाजार स्थित श्री मेढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार भवन में बीकाणा न्यूमिस्मैटिक सोसायटी की ओर से बीकानेर में दूसरी बार मुद्रा उत्सव का आयोजन किया गया। तीन दिनों चलने वाले इस मुद्रा महोत्सव में देश-विदेश की 54 स्टॉल्स लगाई गई है। इस महोत्सव में देश के कई सिक्कों का संग्रह करने वाले संग्रहकर्ता आए हुए है। इनके पास दो हजार से लेकर 500 साल पुरानी करेंसी का संग्रह है और यह करेंसी को लोगों को कम दामों में बेच भी रहे है। ऐसे में लोग भी अब इन पुरानी करेंसी के रुचि दिखाकर पुरानी करेंसी को खरीद भी रहे है।
बाइट,,,,किशन सोनी
