आहोर: ब्लाइंड मर्डर का 48 घंटे में पुलिस ने किया खुलासा, तीन आरोपी गिरफ्तार, भूखंड के रुपयों के लेनदेन को लेकर रची थी हत्या की साजिश, हत्या के बाद हादसे का रूप देने के लिए सड़क पर डाल दिया था शव,
जालौर राजस्थान
जालोर जिले के आहोर थाना क्षेत्र में हुए ब्लाइंड मर्डर का खुलासा करते हुए पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है आरोपियों ने आपसी भूखंड के लाख के लेनदेन चलते योजना बनाकर हत्या की वारदात को अंजाम दिया इसके बाद एक्सीडेंट का रूप देने के लिए प्रयास किया गया था लेकिन मामले में जालौर जिला पुलिस अधीक्षक ज्ञानचंद यादव के निर्देशन में आहोर पुलिस ने वारदात का खुलासा कर ब्लाइंड मर्डर में शामिल तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस के अनुसार घटना 17 अप्रैल 2025 की सुबह करीब 7:15 बजे की है, जब आहोर थाना पुलिस को सूचना मिली कि सरहद जोगावा क्षेत्र में जांगावा से शंखवाली की ओर जाने वाली सड़क पर एक मोटरसाइकिल दुर्घटनाग्रस्त हालत में पड़ी है और पास में एक व्यक्ति का शव मौजूद है। थाना प्रभारी नरपतसिंह मय जाप्ता मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण किया। मृतक की पहचान जेब से मिले आधार कार्ड के आधार पर भैरूसिंह पुत्र बाबूलाल (उम्र 36 वर्ष), निवासी राजेन्द्र नगर,आहोर के रूप में की गई।घटनास्थल से मिली जानकारी और प्रारंभिक जांच में यह मामला संदिग्ध प्रतीत हुआ, जिस पर मृतक के भाई संतोष कुमार ने हत्या की आशंका जताते हुए रिपोर्ट दर्ज करवाई।
एसपी ज्ञानचंद यादव ने बताया कि घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ज्ञानचंद्र यादव के निर्देशन में थाना अधिकारी नरपतसिंह के नेतृत्व में विशेष टीमें गठित की गईं। पुलिस ने घटनास्थल की वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी करवाई और साक्ष्य एकत्र करने के लिए एफएसएल, एमओबी और डॉग स्क्वॉड टीम की मदद ली गई। डीसीआरबी टीम द्वारा घटनास्थल के आसपास की बीटीएस लोकेशन और मोबाइल कॉल डिटेल्स के विश्लेषण के बाद तीन संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। तकनीकी साक्ष्यों और पूछताछ के आधार पर तीनों ने हत्या करना स्वीकार कर लिया पुलिस ने पुराराम पुत्र हेमाराम लखमाराम पुत्र हेमाराम, दोनों निवासी सामूजा हाल राजेन्द्र नगर आहोर, और नरेन्द्रदास उर्फ नीतु पुत्र बजरंगदास निवासी वर्धमान कॉलोनी आहोर को गिरफ्तार किया है।
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि
भैरूसिंह राव ने करीब तीन महीने पहले गवलावास में स्थित एक भूखंड पुराराम को बेचा था, जिसकी कुल कीमत सात लाख रुपये थी। पुराराम ने केवल दो लाख रुपये अदा किए थे जबकि शेष पांच लाख रुपये बाकी थे। पैसों की यह लेनदेन निपटाने को लेकर विवाद चल रहा था। इसी विवाद के चलते पुराराम ने अपने भाई लखमाराम और साथी नरेन्द्रदास के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची और योजना बनाकर वारदात को अंजाम दिया। हत्या के बाद शव को सड़क पर डालकर दुर्घटना का रूप देने का प्रयास किया गया। पुलिस की त्वरित कार्रवाई, तकनीकी अनुसंधान और टीमवर्क के कारण इस ब्लाइंड मर्डर का खुलासा हुआ। एसपी ज्ञानचंद यादव ने जांच टीम की सराहना करते हुए कहा कि अपराधियों को सख्त सजा दिलाई जाएगी और आगे की पूछताछ जारी है।