तेज गर्मी एवं लू का असर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। इससे जनजीवन तो प्रभावित हाे रहा है। साथ ही अस्पतालों में भी मरीज बढ़ने लगे हैं। उधर, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग भी डेंगू के मच्छरों के लार्वा को ढूंढने में लगा है, ताकि डेंगू को बढ़ने से पहले ही रोका जा सके । हालांकि अब तक मलेरिया के रोगी सामने नहीं आए हैं। फिर भी स्वास्थ्य विभाग ने अपनी गतिविधियां शुरू कर दी हैं। वैसे इस बार अस्पतालों में मौसमी बीमारियों खासतौर से बुखार से पीडि़त मरीज ज्यादा आ रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि इस बार लू एवं तापघात से बुखार के रोगियों की संख्या बढ़ी है। जबकि गर्मी में पहले बना हुआ भोजन एवं फास्ट फूड के चलन से पेट दर्द के साथ उल्टी-दस्त के रोगी भी आने लगे हैं।इस समय लू चलने से बुखार रोगियों की संख्या बढ़ रही है। इस सीजन में यह पहला मौका है, जब पीबीएम अस्पताल के 16 नंबर आउटडोर में प्रतिदिन सात सौ से एक हजार तक के रोगियों का पंजीकरण किया जा रहा है। इसमें बुखार पीडि़तों की संख्या ज्यादा है। इसके बाद पेट दर्द एवं उल्टी दस्त की शिकायत लेकर भी रोगी आ रहे हैं। गत वर्ष के अप्रेल, मई और जून के आंकड़ों पर नजर डालें, तो आउटडोर में प्रतिदिन पांच सौ मरीजों का पंजीकरण होता था। जबकि इस बार यह आंकड़ा पचास प्रतिशत तक बढ़ गया है। इसमें से औसतन 80 से 100 रोगियों को भर्ती करने की नौबत आ रही है।पीबीएम अधीक्षक डॉ पी के सैनी बताते है कि पीबीएम में इसके लिये अलग से वार्ड बनाया गया है।
