बीकानेर
ढाई साल पहले मंदिर में हुई चोरी का खुलासा नहीं होने पर साधु-संत आग के अंगारों पर चले। इससे पहले दहकते हुए अंगारों को मुंह में रखा।दरअसल, जिले डूंगरगढ़ थाना के कतरियासर गांव के जसनाथजी मंदिर में 17 अप्रैल 23 को 40 किलो चांदी और 100 ग्राम सोने से बना छत्र भी ले गए थे।छत्र की कीमत करीब 60 लाख से अधिक बताई जा रही है। मामले में पुलिस न तो आरोपी को गिरफ्तार कर पाई और न ही छत्र बरामद कर पाई।इधर, जब जसनाथ संप्रदाय के लोगों को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने इसके विरोध का अनूठा तरीका ढूंढा। सोमवार को संप्रदाय के लोग कलेक्ट्रेट के सामने शामिल हुए और अग्नि नृत्य कर अपना विरोध दर्ज किया।संप्रदाय के प्रतिनिधियों का कहना है कि चोरी की घटना के इतने लंबे समय बाद भी पुलिस की निष्क्रियता श्रद्धालुओं की भावनाओं को आहत कर रही है। इसी के प्रतीक स्वरूप संत समाज ने यह विरोध जताने का तरीका चुना है।उनका कहना है कि अग्नि नृत्य भगवान और समाज के सामने न्याय की पुकार के रूप में किया जाएगा।संप्रदाय के साधु-संतों का कहना है कि मंदिर से चोरी हुए चांदी और सोने के आभूषण अब तक बरामद नहीं हुए हैं। बार-बार निवेदन के बावजूद जब प्रशासन ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की, तो अब अग्नि नृत्य के माध्यम से वे भगवान और समाज के समक्ष न्याय की गुहार लगाएंगे।स्थानीय लोगों का मानना है कि यह आयोजन प्रशासन के लिए एक संदेश होगा कि धार्मिक स्थलों की सुरक्षा और श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़े मामलों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जा सकती।समाज के लोगों के अंगारों को मुंह में रख कर पुलिस की कार्यप्रणाली के प्रति नाराजगी जाहिर की।

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