बीकानेर
राजस्थान के बीकानेर जिले से एक गंभीर और सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां एक व्यक्ति के साथ जातिसूचक गालियां, मारपीट, लूट और अपहरण जैसी वारदात को अंजाम दिया गया। पीड़ित का आरोप है कि घटना के 24 घंटे बीत जाने के बावजूद पुलिस ने अब तक मुकदमा दर्ज नहीं किया है
बीकानेर जिले के थाना हांदा क्षेत्र के टोकला गांव निवासी अशोक कुमार नायक ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि बीती रात करीब 9 बजे वह अपने ममेरे भाई नवीन के साथ मोटरसाइकिल से टोकला से हिराई मार्ग होते हुए अपने मामा के खेत की ओर जा रहा था। यह रास्ता NH-15 को जोड़ने वाली कच्ची सड़क है।
पीड़ित के अनुसार, NH-15 पर टोल के पास अचानक एक महिंद्रा बोलेरो और एक महिंद्रा कैंपर ने उनकी मोटरसाइकिल को रोका। बोलेरो में विजेरा निवासी देबू ओड़ और टाटा प्लांट में सिक्योरिटी गार्ड के रूप में कार्यरत विक्रम सिंह सवार थे, जबकि कैंपर में चार अन्य लोग मौजूद थे।
आरोप है कि आरोपियों ने उतरते ही अशोक कुमार को जाति सूचक शब्दों से अपमानित किया, अश्लील गालियां दीं और शराब पीने के लिए पैसे मांगे। पैसे देने से मना करने पर पीड़ित के साथ लात-घूंसे से मारपीट की गई और लोहे की रॉड से पैर पर वार किया गया, जिससे वह बेहोश होकर गिर पड़ा।
पीड़ित का कहना है कि आरोपियों ने उसकी जेब से 700 रुपये नकद, कान की सोने की बाली लूटी और उसकी मोटरसाइकिल भी ले गए। इसके बाद उसे जबरन गाड़ी में डालकर टोल प्लाजा पर फेंक दिया गया।
टोल कर्मचारियों ने पीड़ित की हालत देखकर उसके मामा लालू राम को सूचना दी। बाद में उसे पहले कोलायत अस्पताल और फिर PBM अस्पताल बीकानेर रेफर किया गया, जहां उसका इलाज जारी है।
सबसे गंभीर आरोप यह है कि घटना के 24 घंटे बीत जाने के बावजूद पुलिस द्वारा अब तक कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया और न ही मौके पर कोई प्रभावी जांच की गई।
पीड़ित ने मांग की है कि टाटा सोलर कंपनी से जुड़े सिक्योरिटी गार्ड सहित सभी आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए, दोषियों को गिरफ्तार किया जाए, संबंधित ठेकेदारी फर्म को ब्लैकलिस्ट किया जाए और मामले की निष्पक्ष जांच हो।
*एंकर आउट्रो:**
अब सवाल यह है कि क्या पीड़ित को न्याय मिलेगा या फिर दबंगों का डर कानून पर भारी पड़ेगा। प्रशासन और पुलिस की भूमिका पर भी बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं। मामले पर पुलिस का पक्ष आना अभी बाकी है।
https://youtu.be/T8zU7RvVVHQ
