गंगापुर सिटीजेल में बंद कैदी की मौत पर परिजनों ने किया हंगामा,शव का पोस्टमार्टम नही,विभिन्न मांगों को लेकर परिजन अड़े।
गंगापुर सिटी की फवारा चौक स्टेशन यूपी जिला कराग्रे में आज सुबह 5:00 बजे एक बंदी सोनू कुमार बेरवा उम्र 22 साल निवासी रोड का पूरा थाना पूरा गांव जिला करौली की संदीप अवस्था में मौत हो गई।
इस मामले में जेलर सुखवीर सिंह परिजनों को सूचना देकर बुलाया
जानकारी के अनुसार गंगापुर सिटी जिला मुख्यालय पर एक मामले में बंद कैदी की सोमवार सुबह अचानक तबियत बिगड़ गई। आनन फानन में जेल प्रशासन बंदी को गवर्नमेंट हॉस्पिटल गंगापुर सिटी लेकर पहुंचे जहां पर डॉक्टर ने उसे अमृत घोषित कर दिया। वहीं सूचना के बाद परिजन भी गवर्नमेंट हॉस्पिटल पहुंच गए।
परिजनों ने जेल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए फवारा चौक स्थित जेल के सामने पथराव करते हुए हंगामा कर दिया। साथ ही नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया। मौके पर कोतवाली प्रभारी जितेंद्र सिंह अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राकेश राजोरा सहित पुलिसकर्मी पहुंचे और परिजनों को वहां से खदेड़ा।
इधर गवर्नमेंट हॉस्पिटल में भी परिजन विभिन्न मांगों को लेकर अड़ गए और पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया।
फिलहाल प्रशासन के द्वारा समझाइस की जा रही है।
जानकारी के अनुसार जानकारी के अनुसार सोनू बेरवा (22) पुत्र श्री कृष्ण बेरवा निवासी रुंडी का पूरा, कुड़गांव बामनवास थाने से एक मामले में यहां जेल में बंद था। सोनू पर 376 का मामला भी दर्ज था और 12 अप्रैल 2024 को इसी मामले में जेल में बंदी बना था और पिछले दो माह से सोनू यहां जेल में बंद था। सूत्रों के अनुसार 4 जून को शाम के समय सोनू बैरवा ने जेल प्रशासन से तबीयत खराब होने की बात कही थी। सोनू ने बताया कि उसकी रीड की हड्डी और पीठ में दर्द है। इस पर जेल प्रशासन के द्वारा 5 जून को सोनू को गवर्नमेंट हॉस्पिटल गंगापुर सिटी में इलाज के लिए ले जाया गया। जहां अस्पताल में सोनू का एक्स रे कराया गया। साथ ही अन्य जांच करवा कर दवा दिलाई गई। इसके बाद में 6 जून को एक बार फिर सोनू बैरवा को गवर्नमेंट हॉस्पिटल में लाया गया और जांच करवा दवा दिलाई गई। 7 जून को सोनू ने कुछ आराम बताया था लेकिन पूरी तरह से आराम नहीं होने की बात कही थी। इसके बाद 8 जून को सोनू को एक बार फिर गवर्नमेंट हॉस्पिटल में ले जाकर जांच कराई गई और दवा दिलाई गई लेकिन 9 जून को भी जब सोनू को आराम नहीं आया तो स्थानीय प्रशासन और जेल डॉक्टर के द्वारा सोनू को जयपुर भेजने का निर्णय लिया गया।
सोनू को इलाज के लिए जयपुर एसएमएस 10 जून को सुबह ले जाया जाना था। सोमवार सुबह करीब 5:25 पर जेलर सुखबीर सिंह और जेल स्टाफ ने बैरक खोलकर जब जांच की तो बैरक नंबर तीन में बंद सोनू ने जेल प्रशासन को तबीयत में सुधार नहीं होने की बात कही और इसके बाद जेल प्रशासन के द्वारा तत्काल सोनू को गवर्नमेंट हॉस्पिटल लाया गया। लेकिन यहां कुछ ही देर बाद में डॉक्टर ने सोनू को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने मृतक के शव को गवर्नमेंट हॉस्पिटल की मोर्चरी में रखवाया गया। वहीं प्रशासन के द्वारा सोनू के परिजनों को सूचना दी गई। कुछ ही देर में सोनू के परिजन भी जेल पहुंच गए लेकिन यहां सोनू की मौत की खबर सुनकर परिजनों में आक्रोश हो गया। परिजनों की सूचना पर मृतक के अन्य रिश्तेदार और जान पहचान के लोग भी जेल पर पहुंच गए और इस दौरान आक्रोशित मृतक के परिजनों ने सुबह करीब 11:30 बजे जेल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जेल पर पथराव शुरू कर दिया। जेल पर पथराव की सूचना पर उच्च अधिकारियों के निर्देश पर मौके पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया। बाद में परिजन गवर्नमेंट हॉस्पिटल पहुंचे और यहां सोनू की मौत पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए आक्रोशित परिजनों ने नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया। परिजनों का कहना था कि जेल प्रशासन के द्वारा उन्हें एक बार भी सूचना नहीं दी गई कि सोनू की तबीयत खराब है। इतना ही नहीं सोनू को झूठा आरोप लगाकर जेल भिजवाया गया है। इस दौरान परिजनों ने मृतक का पोस्टमार्टम करने से इनकार कर दिया कि जब तक जेल प्रशासन के दोषी अधिकारियों को निलंबित नहीं किया जाएगा और उचित मुआवजा नहीं दिया जाएगा, सहित अन्य मांगे पूरी नहीं की जाएगी तब तक पोस्टमार्टम नहीं किया जाएगा। फिलहाल प्रशासन के द्वारा परिजनों से समझाइश की जा रही है।
