व्यापारी का अपहरण कर फिरौती वसूली करने वाले मास्टरमाइंड सलमान उर्फ़ कूका को पुलिस ने किया गिरफ्तार, 2 अन्य आरोपी भी किए गिरफ्तार, फिरौती वसूली की रकम से दिल्ली में जाकर खरीदी गई कार भी पुलिस ने की बरामद
अजमेर के रामगंज थाना क्षेत्र मे बीते दिनों व्यापारी का अपहरण कर 20 लाख रुपए की फिरौती लेने वाले बदमाशो को पकड़ने में पुलिस ने सफलता हासिल की है । अजमेर एडिशनल एसपी सिटी दुर्ग सिंह राजपुरोहित ने रविवार को पूरे मामले का खुलासा करते हुए बताया कि आरोपियों ने अपने महंगे शौक पूरे करने व अन्य मुलजिमों के साथ अपनी फरारी काटने के खर्चे के लिए अपहरण की वारदात को अंजाम दिया था । दुर्ग सिंह राजपुरोहित ने बताया कि आरोपी घटना के बाद बिना नम्बरी कार मे वारदात कर फरार हो गये थे। जिस पर थाना पर संयुक्त टीम गठित कर आस पास के क्षेत्रो मे लगे हुये सीसीटीवी कैमरो का अवलोकन करने हेतु निर्देशित किया गया व मुखबिरो से सम्पर्क कर आरोपीगणो व संदिग्ध कार की तलाश शुरू की । थाने से रवाना टीमो के द्वारा विभिन्न हाईवे, टोल और बाजारो मे लगे हुए लगभग 350 कैमेरो का बारीकी से अवलोकन किया गया। आरोपीगण बार बार अपनी लोकेशन बदल रहे थे और अधिक देर तक एक जगह पर नही रूक रहे थे। आरोपियों की तलाश तकनीकी साक्ष्यो के आधार पर करते हुये पुलिस ने सलमान उर्फ कूका पुत्र ताजू खान जाति चीता उम्र 24 वर्ष निवासी ग्राम सोमलपुर, साजन पुत्र सत्तार जाति चीता उम्र 25 वर्ष निवासी हरियाली बाडिया सोमलपुर व फिरोज पुत्र अशरफ जाति मेहरात उम्र 25 वर्ष निवासी ग्राम लसानिया को गिरफतार किया गया। आरोपी सलमान उर्फ कूका द्वारा फिरौती की राशि मे एक कार खरीदी की गयी थी जिसको आरोपी से बरामद कर जब्त की है । मामले में आरोपी सलमान उर्फ कूका के अन्य साथियो की तलाश जारी है। वहीं आरोपी सलमान कूका व साजन पर पूर्व मे कई मामले दर्ज है ।
यह था मामला:
पुलिस को दी रिपोर्ट में पीड़ित नरेश मनकानी ने बताया था कि मेरी अजमेर में सोमलपुर रोड पर सूफी मस्जिद के पास प्लास्टिक के आइटम की फैक्ट्री है। मैं दोपहर को ऑफिस में बैठा था, तभी मेरे पास अनजान नंबरों से फोन आया। कॉल करने वाले ने अपना नाम कूका बताया और मुझे फैक्ट्री के मेन गेट के बाहर बुलाया। इसके बाद कार में बैठने को कहा। मेरे पास काले रंग की होंडा सिटी कार है। जिस पर कोई नंबर प्लेट नहीं है। कांच भी सारे काले हैं। फिर कूका ने कहा कि तेरा कमरू भाई से क्या लफड़ा चल रहा है, मैंने कहा कि मेरा उससे कोई विवाद नहीं है। तो उसने अपनी कमर से एक पिस्टल निकाली और मेरी कमर पर तान दी। रिपोर्ट में नरेश ने बताया कि इसके बाद उसका एक साथी और आकर कार में बैठ गया। उसने भी पिस्टल तान दी और बोला कि हमें तेरी सुपारी मिली है। चुपचाप बैठा रह, नहीं तो अभी गोली मार देंगे। दोनों मुझे अजमेर से 20 किमी दूर चंदवाला की तरफ ले गए। जहां दो व्यक्ति और कार में बैठ गए। उनके पास भी पिस्टल थी। यहां एक सुनसान जगह रोककर मुझे धमकी दी कि हमें तुझे मारने के लिए 40 लाख की सुपारी मिली है। अगर तू हमें 40 लाख रुपये अभी और एक दुकान दे तो तेरे को हम छोड़ देंगे। इस दौरान इन चारों लोगों ने मारपीट करते हुए मुझे गाड़ी से उतारा और चौराहे पर बैठा दिया। उन्होंने कहा कि अपने भाई से कहना कि कोई फायदे का सौदा मिला है, तुरंत 20 लाख चाहिए। मैंने भाई को फोन कर जैसा उन्होंने कहा वैसा ही किया। मेरे भाई ललित ने हमारे स्टाफ नासिर भाई के साथ उनकी बताई जगह पर रुपये भेज दिए। उन्होंने नासिर से 20 लाख रुपये ले लिए और मुझे रास्ते में फेंककर फरार हो गए। मैने अजमेर पहुंचकर मामला दर्ज करवाया, जिसके बाद पुलिस ने कार्यवाई करते हुए आरोपियों को पकड़ने में सफलता हासिल की ।
बाइट : दुर्ग सिंह राजपुरोहित, एडिशनल एसपी सिटी
बाइट रविंद्र खींची (थानाधिकारी रामगंज अजमेर)
बाइट ललित मनकानी ( व्यापारी)
