राशन विक्रेता को प्रतिमाह मासिक मानदेय 30,000/- रू. व गत माहो का कमीशन दिये जाने को लेकर जिला कलेक्टर पर किया प्रदर्शन और दिया ज्ञापन
गत माह हमारे द्वारा आपके माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री महोदय को 9 सूत्री मांग पत्र प्रस्तुत किया गया था, परन्तु न तो सरकार ने और न ही खाद्य विभाग के अधिकारियों ने हमारी उक्त मांगो पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया, इस कारण विवश होकर पुनः आपको ज्ञापन प्रस्तुत किया जा रहा है जिसमें हमारी मुख्य मांगे निम्नानुसार है :-
1. राशन विक्रेता को प्रतिमाह 30,000/- रू. मानदेय निश्चित किया जावे।
2. गेहूँ पर 2 प्रतिशत छीजत दी जावे क्योंकि जो गेहूँ आता है उसमें एप आई. से काफी कम तौल बैठती है।
3. गत 5-6 माह से राशन विक्रेता का केन्द्र सरकार द्वारा दिया गया कमीशन व राज्य सरकार द्वारा दिया गया कमीशन प्राप्त नहीं हुआ है, इस कारण राशन विक्रेता का परिवार भूखे मरने की स्थिति में आ गया है।
4. आधार सीडिंग की राशि, प्रवासी योजना के तहत वितरण कराये गये गैहूँ का कमीशन व ई.के.वाई.सी. का सीडिंग का मेहनताना भी दिया जावे जबकि ई-मित्र वाले आधार कार्ड अपडेट के 150 रू. चार्ज कर रहे है और विक्रेता को ई.के.वाई.सी. सीडिंग के लिए सरकार द्वारा कुछ भी चार्ज नहीं दिया गया, यह मानवीय मूल्यों के विरूद्ध है।
राशन विक्रेता की स्थिति काफी दयनीय हो गई है। शालाओं के प्रवेश प्रारम्भ हो गये है. अपने बच्चों की फीस, किताबे, ड्रेस आदि तक विक्रेता उपलब्ध नहीं करा पा रहा है ऐसी स्थिति में उसके बच्चें शिक्षा प्राप्त करने से वंचित हो रहे है। परिवार के पालन पोषण करने में भी आर्थिक स्थिति का सामना करना पड़ रहा है, इसलिए विवश होकर आपसे निवेदन किया जा रहा है कि राज्य सरकार से हमारा बकाया कमीशन 31 जुलाई 2024 तक दिलाने की व्यवस्था करें अन्यथा हमें विवश होकर 1 अगस्त 2024 से वितरण व्यवस्था को विराम देना होगा क्योंकि हमारी आर्थिक स्थिति जवाब दे चुकी है और इसके साथ ही सरकार हमारी उपरोक्त मांग 30,000/-रु. मासिक मानदेय के सम्बन्ध में क्या कार्यवाही की जा रही है उससे भी हमें राज्य सरकार अवगत करावें। उसके पश्चात ही राशन विक्रेता सुचारू रूप से वितरण का कार्य करने में सक्षम होंगें।