चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से वासंतीय नवरात्र कल से प्रारंभ होंगे। घर-घर और मंदिरों में घट स्थापना के साथ नौ दिवसीय देवी पूजन-अनुष्ठान, पाठ और मंत्र जाप शुरु होंगे। देवी प्रतिमाओं का अभिषेक, पूजन, श्रृंगार, महाआरती की जाएगी। देवी मंदिरों में अलसुबह से दर्शन-पूजन का सिलसिला प्रारंभ होगा, जो देर रात्रि तक चलेगा। नवरात्र को लेकर मंदिरों को रंगीन रोशनी से सजाए गए है। नवरात्र में बड़ी संख्या में दर्शनार्थियों के पहुंचने को मद्देनजर रखते हुए व्यापक व्यवस्थाएं की गई है।घर-घर में स्थापित देवी प्रतिमाओं का तेल, सिंदूर, बर्ग, मालीपाना सहित विविध पूजन सामग्री से पूजन कर नवरात्र पूजन प्रारंभ होगा। नौ दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान शुरु होंगे। बालू मिट्टी में गेंहू बोए जाएंगे। मंदिरों को रंगीन रोशनी, गुब्बारों सहित विविध सजावटी सामान से सजाए गए है। मंदिर सजे, देर रात तक तैयारियां नवरात्र को लेकर शहर के देवी मंदिर सज गए है। रंग रोगन के बाद रंगीन रोशनी से सजावट की गई है। कई मंदिरों के अंदर व बाहर फर्रियां लगाई गई है। निज मंदिर सहित मंदिर परिसर को विभिन्न प्रकार के पुष्प, सजावटी सामान से सजाया गया है। देवी मंदिरों में पुजारी सहित मंदिर ट्रस्ट, समिति के सदस्य और श्रद्धालु देर रात तक जुटे रहे। नौ दिनों तक होंगे पूजन-अनुष्ठान वासंतीय नवरात्र में 9 अप्रेल से 17 अप्रेल तक घरों व मंदिरों में धार्मिक अनुष्ठान होंगे। ज्योतिषाचार्य पंडित राजेन्द्र किराडू के अनुसार घट स्थापना के साथ नवरात्र पूजन-अनुष्ठान प्रारंभ होंगे। देवी उपासक व श्रद्धालु नवरात्र में दुर्गा सप्तशती पाठ, देवी अथर्वशीष पाठ, श्रीसूक्त कनकधारा स्तोत्र पाठ, भागवत देवी पुराण, नवाह्न परायण पाठ और देवी मंत्रों का जाप होगा। पंडित किराडू के अनुसार चैत्र प्रतिपदा के दिन घट स्थापना के लिए सुबह सूर्योदय से दोपहर 1 बजे तक श्रेष्ठ समय रहेगा।

 

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