बीकानेर। शहर में जगह जगह सरकार की ओर से किये जा रहे विकास कार्यों में मानवाधिकार का खुला मजाक उड़ाया जा रहा है। बिना सुरक्षा उपायों के जान जोखिम में डाल कर काम करने को मजदूर विवश है, जबकि मानवता को शर्मसार करने वाली इस कारगुजारी को आंखों से देख कर भी जिम्मेदार खामोश है। ऐसा ही नजारा सर्किट हाउस के पास बन रही पानी की टंकी के निर्माण कार्य पर देखने को मिल रहा है। जहां बन रही पानी की टंकी पर काम कर रहे मजदूरों के न तो हेलमेट पहना था,न सेफ्टी बेल्ट लगा रखा था। जिसके अभाव में किसी प्रकार के हादसे में श्रमिकों के जान माल को खतरा है।

तीन साल सजा का है प्रावधान
विभिन्न जगहों पर पर बन रहे भवनों में श्रम कानून और सुरक्षा नियमों को ताक पर रख कर मजदूरों से काम करवाए जा रहे हैं। बिना हेलमेट, जूता, दस्ताना और बिना सेफ्टी बेल्ट के ही करीब 20 से 40 फीट ऊंचाई पर काम करवाया जा रहा है। जिससे इन गरीब असहाय मजदूरों के साथ कभी भी किसी तरह के अनहोनी घटना के घटित होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। इस तरह काम करवाने वाले ठेकेदार पर बीओसी एक्ट के तहत तीन महीने की सजा का प्रावधान है। लेकिन जिम्मेवार अधिकारी इसकी जांच करते हैं ना कार्रवाई, इसके कारण ठेकेदारों की मनमानी चलती है।

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