बीकानेर के नागरिकों ने “उड़ता बीकानेर नहीं बनने देंगे” का संकल्प लेते हुए कलेक्ट्रेट पर नशे के खिलाफ प्रदर्शन किया और प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। इस अभियान में सर्वसमाज, राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता, नारी शक्ति और प्रबुद्धजन शामिल हुए। सभी ने एकजुट होकर नशे के खतरे पर आवाज बुलंद की, जिसमें “नशा है शैतान, लेता है जान, घर परिवार कर देता है बर्बाद” जैसे संदेश और प्रतीकात्मक रूप से क्रॉस लगाए गए सिगरेट का चित्र भी दर्शाया गया।
महामंडलेश्वर सरजु महाराज ने इसे युवा पीढ़ी के लिए घातक बताते हुए हर बीकानेरी से अभियान में सहयोग करने का आह्वान किया। भगवान सिंह मेड़तिया ने पुलिस प्रशासन पर नशा तस्करों की मिलीभगत का आरोप लगाते हुए लंबे समय से तैनात पुलिसकर्मियों को बदलने की मांग की। राजस्थान हाईकोर्ट के अधिवक्ता गोवर्धन सिंह ने भगत सिंह जैसी दृढ़ता अपनाने पर बल दिया और मंथली लेने वाले पुलिसकर्मियों पर सवाल उठाए।
शिवलाल गोदारा ने गांवों में भी नशे के बढ़ते प्रभाव की चिंता जताई, वहीं इस मुहिम का नेतृत्व और सर्वप्रथम आगे आने वाले युवा नेता वेद व्यास ने चेतावनी दी कि नशे के खिलाफ अब आंदोलन का बिगुल बज चुका है और सभी को साथ मिलकर इस लड़ाई में भाग लेना होगा।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से डॉ. भगवान सिंह मेड़तिया, वेद व्यास, अधिवक्ता गोवर्धन सिंह पडिहार, जसराज सिंवर, पार्षद मनोज बिश्नोई,प्रफुल्ल हाटीला, जितेंद्र सिंह भाटी, सुधा आचार्य, मनीष पुरोहित नटसा, विजय सिंह राठौड़, तोलाराम सियाग, नरेंद्र सिंह स्याणी, विक्रम सिंह, बजरंग दल से बजरंग तंवर,पार्षद महेंद्र बडगुजर, अयूब कायमखानी, सलीम भाटी,पार्षद रमजान कच्छावा, मनोज विश्नोई, गोविंद सारस्वत, प्रदीप सारस्वत, रामदयाल गोदारा, कृष्ण गोदारा, सहित सैकड़ों नागरिकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
इस जन समर्थन ने बीकानेर को नशे से मुक्त करने के लिए समाज के हर वर्ग का संकल्प दिखाया और प्रशासन पर ठोस कार्रवाई का दबाव डाला।

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