सिरोही गोवर्धन पूजा के साथ गायों की दौड़
श्याम रंग की गाय रही सबसे आगे, नया साल शुभ होने का मिला शगुन, ग्रामीणों में हर्ष की लहर
वासा गांव में ग्रामीणों ने गोवर्धन पूजा में गायों की दौड़ से देखा आगामी साल का भविष्य
आगामी वर्ष अच्छा रहने का मिला संकेत, वासा गांव
सिरोही। वासा गाँव सिरोही जिले में अपनी ऐतिहासिक परम्परा के लिए जाना जाता है। जी हां वासा गाँव से आगामी वर्ष अच्छा रहने का संकेत मिला है।…वासा गांव में ग्रामीणों ने गोवर्धन पूजा में गायों की दौड़ से आगामी साल का भविष्य देख करके सालो से चली आ रहीं परम्परा का निर्वहन किया।
वर्षों से चली आ रहीं परम्परा का किया निर्वहन
प्राचीन परम्परानुसार गोवर्धन पूजा के दिन शनिवार को आयोजित हुई गायाें की दौड़ के मुताबिक आगामी वर्ष अच्छा व उन्नतिदायक रहने का संकेत मिला है। बताया जा रहा है की आगामी साल के अच्छे भविष्य का संकेत मिलने से क्षेत्र के लोगों में खुशी छा गई। उल्लेखनीय है कि वासा गांव में शनिवार को गोवर्धन पूजा का आयोजन किया गया। इस दौरान मेला भी भरा।…जिसमें गायों की दौड़ प्रतियोगिता से साल के अच्छे व खराब रहने के बारे में भविष्य देखा गया। मेला कमेटी के लोगों ने बताया कि सुबह गोवर्धन पूजा का आयोजन किया गया, जिसमें गायों की दौड़ आयोजित कर आगामी साल के अच्छे व खराब रहने के बारे में भविष्य देखा गया। ग्वालों द्वारा गायों को हरे कृष्ण उपदेश के गाने सुनाये। फिर स्थानीय ग्वालों द्वारा गायों का रंग रोगन व पूजा कर गायों को गुड़ खिलाया। इसके बाद गांव के ओड़े से गायों की दौड़ आयोजित की गई।
ऐसे देखते हैं आगामी साल का भविष्य
यहां वासा गांव में गोवर्धन पूजा के दिन गायों की दौड़ आयोजित कर आगे रहने वाली गाय से आगामी साल का अच्छे या बुरे होने का संकेत देखा जाता है। यह परम्परा वर्षों से चली आ रही है। शनिवार को आयोजित हुई गायों की दौड़ में श्याम रंग की गाय सबसे आगे रहने से आने वाला साल अच्छा रहने का संकेत मिला है। जबकि सफेद रंग की गाय के आगे रहने पर आगामी साल सामान्य और यदि काले रंग की गाय आगे रहती है तो उस साल अकाल व खराब रहने की मान्यता है। ऐसे में इस बार श्याम रंग की गाय आगे रहने से अच्छे साल के संकेत से क्षेत्र के लोगों में खुशी दौड़ गई।
दीवाली के अगले दिन निभाई जाती है यह परम्परा :-
दिवाली के दूसरे दिन वासा गांव में शनिवार को गौवर्धन पूजा, नन्दी पूजा व अन्नकुट पूजन किया गया। गोवर्धन मेले में गायों की दौड़ हुई। अलग-अलग रंग की अनेकों गाय मुकाबले में दौड़ी। श्याम रंग की गाय सबसे आगे रही। आखरीया चौक में दौड़ से पहले शोभायात्रा के साथ ग्रामीण नाचते-गाते हुए पहुंचे। बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। बरसों से चली आ रही परंपरा को आज भी मनाया जाता है।
इस परम्परा को देखने के लिए निकटम गाँवो से हजारों की संख्या में लोग वासा गाँव में आते है। जो इस कार्यक्रम को देखने का आंनद उठाते है इस दौरान क़ोई अप्रिय घटना न हो उसको लेकर रोहिड़ा पुलिस का जाब्ता थानाधिकारी जितेंद्र सिंह देवड़ा के नेतृत्व में मौजूद रहा।

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