बीकानेर का गौरव राजस्थान का प्रथम प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र गंगाशहर को विकसित करने के साथ-साथ आधुनिक उपकरणों के माध्यम से नेचुरोपैथी सेन्टर हब भामाशाहों के सहयोग से बनाकर अलंकृत किया जायेगा, यह बात आज प्राकृतिक चिकित्सा दिवस के उपलक्ष में आयोजित त्रिदिवसीय निःशुल्क योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा शिविर के समापन समारोह पर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए बीकानेर जिला उधोग संघ के अध्यक्ष श्री डी. पी. पच्चीसीया ने कही। उन्होने कहा कि यह युग प्रकृति से जुडने का है, जिसे अपना कर अपना व समाज का कल्याण करे।कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि एवं प्राकृतिक चिकित्सा समिति के उपाध्यक्ष समाजसेवी श्रीभगवान अग्रवाल ने प्राकृतिक चिकित्सा की महत्वता और उपयोगिता बताते हुए कहा कि यह चिकित्सा शारीरिक लाभ के साथ-साथ आध्यत्मिक एवं मनोचिकित्सा में भी कारगर है।उन्होने शिविरार्थियों को संबोधित करते हुए केन्द्र के इस सेवा प्रकल्प योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा से जुड़ कर समाज में जागृति व लाभाम्वित करना चाहिए।केन्द्र की चिकित्सा अधिकारी डॉ. वत्सला गुप्ता ने 7 वे राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस की शुभकामानाएं देते हुए कहा कि-पंच तत्व चिकित्सा उपचार नहीं वरन् एक जीवन शैली है। जो सर्वोत्कृष्ट, निर्दोष, सहजगाह व सुलभ है। जिसका शरीर व मन से अटूट संबंध है, स्वस्थ शरीर सम्मुनत मन की आधार शिला है।डॉ. गुप्ता ने कहा कि यह औषधिरहीत चिकित्सा पद्धति है। जिसका साक्षात दर्शन इस केन्द्र में देखने को मिलता है। सभी प्राणी सुखी हो, सब निरोग हो,सबका कल्याण हो और कोई दुख का भागी न हो। यही इस दिवस की सार्थकता को दर्शाती है।संस्था मंत्री बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि इस त्रिदिवसीय निःशुल्क शिविर में महाराजा गंगासिंह विश्वविधालय के विधाथियों सहित 82 शिविरार्थियों ने भाग लेकर योग व प्राकृतिक चिकित्सा का लाभ लिया। शर्मा ने केन्द्र की विशेषताएं बताकर इसे विकसित करने हेतु सहयोग की अपील की और कार्यक्रम में शिविरार्थियों को प्रमाण-पत्र अतिथियों द्वारा प्रदान करवाया।शर्मा ने बताया कि तीन दिन तक लगातार डॉ. वत्सला गुप्ता के निदेशन में योग, आसन,प्राणायाम, के साथ जल नेति, कुजल क्रिया,सुत्र नेति, मिट्टी पट्टी, ठडा-गर्म शेक, सिटीम बॉथ,टब बॉथ आदि से रूबरू करवा कर खान-पान व आहार-विहार की जानकारिया विस्तार से प्रदान की गई। कार्यक्रम धन्वन्तरी जी भगवान के चित्र पर दीप प्रज्जवल्न और माल्यार्पण के साथ प्रारम्भ हुआ। मुख्य अतिथि डी. पी. पच्चीसीय को माला व शॉल से सम्मानित किया। साथ ही योगचार्य श्री श्री रतन ताम्बोली को भी शॉल व माला द्वारा सम्मानित किया। कार्यक्रम में केन्द्र में नियमित योगाभ्यास करवाने वाली महिला वाली महिला योगाट्रेनर सुश्री हिमानी दाधीच के साथ-साथ महाराजा गंगासिंह विश्वविधालय के योग शिक्षिक डॉ. हितेन्द्र मारू, प्रियंका रघुवंशी, यशोवर्धी व सपना आदि उपस्थित रही।
शिविर को सफल बनाने में केन्द्र के सम्पूर्ण स्टॉफ महावीर उपाध्याय, कुनाल तंवर, अर्जुन भार्गव, शंकर लाल, मंयक बोथरा, कविता सुथार व कृष्णा कच्छावा, सुनीता प्रजापत की विशेष भुमिका रही तथा ऑवला, मैथी पानी एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने हेतु विशेष जड़ी-बूटियो का काढा वितरण किया गया।

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