बीकानेर। राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ बीकानेर संभाग की ओर से शनिवार को दृष्टीहीनों के मसीहा व ब्रेल लिपि के आविष्कारक लुई ब्रेल की 217 वीं जयंती समारोह व विश्व ब्रेल लिपि दिवस पर टाउन हॉल में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर बीकानेर पश्चिम के विधायक जेठानंद व्यास व कार्यक्रम अध्यक्ष वामी विमर्शानंद महाराज ने
लुई ब्रेल की तस्वीर पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की। कार्यक्रम में अनेक दृष्टीहीन प्रतिभाओं का सम्मान भी किया गया। इस अवसर पर बोलते हुए विधायक जेठानंद व्यास ने कहा कि लुई ब्रेल ने बचपन में ही अपने आंखों की रोशनी एक दुर्घटना की वजह से खो दी थी। दूसरे आंख की रोशनी भी उससे संक्रमित होकर धीरे-धीरे समाप्त हो गई। लुई ने हार नहीं मानी और उन्होंने आगे चलकर छह डॉट पर आधारित एक ब्रेल लिपि की खोज की,जो दृष्टिबाधित लोगों के लिए शिक्षा प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बना। कार्यक्रम अध्यक्ष विमर्शानंद महाराज ने कहा कि
वर्तमान समय में प्रौद्योगिकी का चाहे जितना विकास हो जाए,वह ब्रेल का स्थान ग्रहण नहीं कर पा रही और उसकी उपयोगिता आज भी बरकरार है। कुछ दृष्टिबाधित बच्चों ने कार्यक्रम में संगीतमय प्रस्तुति दी। कार्डिनेटर जैसाराम मूंड ने कार्यक्रम की उपादेयता पर विचार रखे। विशिष्ट अतिथि संस्कृति सेवाश्रम मुकाम के डॉ मधु विश्नोई,नीरज कुमार शर्मा,जगदीश राज सिंह चारण,प्रदीप गोदारा ने दृष्टि बाधिता के क्षेत्र में ब्रेल लिपि का महत्व तथा उसके इतिहास पर चर्चा की।

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