इस फाइनेंस कंपनी के खिलाफ उपजा गुस्सा,स्थानीय प्रतिनिधि पर लगाएं गंभीर आरोप
बीकानेर। निजी फाइनेंस कंपनियों की लगातार बढ़ती तानाशाही व नादिरशाही के विरोध में आवाज बुलंद हुई है। जिसके चलते आज सर्वसमाज की ओर से कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर जिला कलक्टर व एसपी को अलग अलग ज्ञापन सौंपे गये। ज्ञापन में निजी फाइनेंस कंपनियों की ओर से किसी तरह ऋणकर्ताओं को तंग व परेशान किया जा रहा है। उसके प्रमाण भी सौंपे गये है। मामला बैद फिनसर्व लिमिटेड का है। जिसके स्थानीय प्रतिनिधि निखिल भारद्धाज के साथ जोर जबरदस्ती करने का आरोप लगाया है। जिले के उच्चाधिकारियों से मिले शिष्टमंडल ने बताया कि पुखराज सोनी व उसके परिवार की मानहानि होने पर उन्होंने आत्महत्या जैसा कदम उठाने पर विचार कर लिया था। लेकिन किसी तरह इन्हें बचाया जा सका है। प्रदर्शन करने वालों में दिनेश सिंह भदौरिया,हुकुमचंद कांटा,सलीम भाटी,जगदीश चौधरी,एड अनिल सोनी सहित बड़ी संख्या में सर्व समाज के लोग शामिल रहे।
ये है पूरा मामला
बताया जा रहा है कि पाबूबारी निवासी पुखराज सोनी ने 2018 में जयपुर स्थित बैद फिनसर्व लिमिटेड से 18.50 लाख का लोन लिया था। जिसकी नियमित किश्तों के रूप में 9 लाख की रकम उतार भी दी थी। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से परिवार की आर्थिक स्थित ठीक नहीं होने के चलते ऋण की किश्तें जमा नहीं हो रही थी। जिसके चलते जुलाई 2022 में 28 लाख 79 हजार 878 रूपये का नोटिस दिया गया। ऐसे में कंपनी के स्थानीय प्रतिनिधि निखिल भारद्वाज की ओर से मानसिक प्रताडऩा देने पर 2023 व 2024 में कुछ किश्तों का भुगतान भी किया गया। परिवादी का आरोप है कि 18.11.24 को बिना किसी सूचना 18.11.24 को बैंक के स्थानीय प्रतिनिधि ने पुलिस की मदद से घर की कुर्की करवाकर परिवार को घर से बेदखल कर दिया। इतना ही नहीं फाइनेंस कंपनी ने आरबीआई की गाइडलाइन के विरूद्व जाकर हिडन चार्ज लगाकर 16 जनवरी 25 को वन टाइम सेटलमेंट अमाउण्ट 54 लाख 97 हजार 298 की मांग कर डाली। जिसमें कोर्ट ऑफ पैन्डेनसी डिबेट रिकवर ट्रिब्यूल के फैसले के बाद 43 लाख 69 हजार का भुगतान 21 जनवरी तक करना तय हुआ। लेकिन इस समझौते के बाद भी कंपनी के स्थानीय प्रतिनिधि निखिल भारद्धाज की ओर से 20 दिसम्बर 24 को ही निविदा ब्रिकी सूचना एक समाचार पत्र में निकलवा दी और स्थानीय लोगों को घर बेचने के लिये देखाना शुरू कर दिया।
कोर्ट के आदेश पर जमा करवा दिए रूपये
बताया जा रहा है कि डीआरटी कोर्ट के आदेश के अनुसार पुखराज सोनी ने सामाजिक स्तर पर रूपयों का इंतजाम कर 29 लाख रूपये जमा करवा दिए। इसके बाद भी कंपनी प्रतिनिधि की ओर से उन्हें कुर्क घर की चांबी नहीं सौंपी गई। सोनी ने एसपी को बताया कि भारद्धाज द्वारा जोर जबरदस्ती से सौ रूपये के स्टांप पर घर की सुपुदगी लिखवाकर ही चांबी देने की बात कही। मगर इस स्टांप में ना तो डीआरटी के निर्देश पर जमा राशि का कोई हवाला दिया गया और ना ही पूर्व में जमा राशि का जिक्र किया गया।

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