राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने की मांग को लेकर के आज मोटियार परिषद् के कार्यकर्ताओं ने मुंह पर ताला लगाकर विरोध जताया। उनका कहना है कि सरकार एकदम गूंगी हो गई है किसी की बात को सुन भी नहीं रही है इसलिए बोलने का कोई फायदा नहीं है। परिषद के रामावतार उपाध्याय ने कहा कि मुंह पर ताला लगाने का एक सांकेतिक प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन मात्र है। आज हम कोई दूसरी बोली बोले उसे अच्छा है कि हमारे मामड़ भाषा की बोली बोले। राजस्थानी को मान्यता मिलनी चाहिए, इस राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए हम बहुत लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं।
बाइट — रामावतार उपाध्याय , मोटियार परिषद्
