बिकानेर/ जयपुर
मूंगफली खरीद हब में लूट का बड़ा खेल – आकस्मिक निरीक्षण करने पहुंचे- किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट
पिछले कई दिनों से बीकानेर ज़िले के मूंगफली खरीद केंद्रों पर हो रही है । अव्यवस्थाओं को लेकर किसानों एवं प्रकाशित खबरों के माध्यम से जानकारी प्राप्त होने से
क्रय विक्रय सहकारी समिति – बज्जू* द्वारा संचालित खरीद केंद्र पर एक क्विंटल तुलाई 2 किलों वजन एवं मूजदरी दर से अधिक 40 क्विंटल पर 1200 रूपए लिये गये जबकि क़ृषि उपज मंडी समिति द्वारा तय दर 5 रूपये प्रति 50 किलों पर हैं। इससे एक किसान से 800 रूपये अधिक लिये जा रहें थें। मूंगफली से भरे बारदाना को चेक किया तों 36 किलों 600 ग्राम मिला जबकि खरीद नियमों के अनुसार 35 किलों 767 ग्राम लिया जा सकता है।
ग्राम सेवा सहकारी समिति नापासर* सहित 5 केन्द्र पलाना , 12 बीघा, बरसिंहसर,गौण मंडी बिकानेर, श्रीडूंगरगढ़ सभी स्थानों के केन्द्र नापासर संचालित पायें गये।
खरीद केंद्र पर पहूंचे तो मजदूरी 40 क्विंटल पर 1700 रूपये लिये जा रहें थे।
जबकि बीकानेर कृषि उपज मंडी में प्रति क्विंटल 8 रूपये की दर निर्धारित है। खरीद केन्द्रों पर 14 रुपए लिये जा रहें थें।
मूंगफली से भरीं अलग-अलग जगह से वज़न किया टोकन नंबर -030014591612 तो 34 किलों 700 ग्राम वजन पाया गया इस प्रकार अनेकों बोरियों में तय वजन से भी 1 किलो कम पाया गया जिससे प्रशासन एवं निगरानी समिति पर प्रश्न चिन्ह खड़ा होना स्वाभाविक है।
यह निर्धारित सामान्य औसत गुणवत्ता के मानकों से (एफ.ए.क्यू.) कम था । इनके सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त हुई है कि जिन बोरियों का वजन कम था वे मिलों में ग्रेडिंग करने के उपरांत बचीं हुई मूंगफली थीं ।
इसी केन्द्र पर 28 फरवरी को ही 15209 कट्टे, वजन 5323.15 क्विंटल की खरीद दर्शाही गई हैं । जो अन्य दिनों की तुलना से मेल नहीं खाती है। क्योंकि अन्य दिनों के अनुपात में यह तुलाई अधिक मात्रा में है। प्रतित होता है कि उस दिन तुलाई नहीं करके केवल बिल बनाना ही ज़ारी रखा गया था।
श्रीडूंगरगढ़ खरीद केंद्र* पर मनमानी पूर्वक 36.500 किलों वजन लेते मिलें। दर्जनों किसानों ने स्पष्ट पैसे लेने के आरोप लगाते रहें। खरीद केंद्र पर उपस्थित कर्मचारियों सुनते रहें।
कुछ किसानों ने तों 200 की पूरी गड्डी तक रजिस्ट्रेशन फार्म के साथ दिखाई तथा ये पैसा इन्हें दिया जायेगा। इसी प्रकार श्रीडूंगरगढ़ खरीद केंद्र पर मनमानी पूर्वक 36.500 किलों वजन एक बोरी में पाया गया जिसके सम्बन्ध में एक अधिकारी ने स्पष्टीकरण देते हुए बताया कि किसानों को तो 35 किलों मूंगफली के ही दाम दिये जायेंगे शेष 1200 ग्राम मूंगफली का पैसा खरीद केंद्र के खाते में ही रहेगा। एक किसान अपनी मूंगफली बेचने के लिए 200 रूपये की गड्डी के साथ रजिस्ट्रेशन फार्म के साथ पैसे लेने का आरोप जड़ दिया। 20 फरवरी से मूंगफली बेचने आये किसानों की भी मूंगफली नहीं खरीदी गई जबकि उनको प्रतिदिन किराये के टैक्टर के 2000 रुपये प्रतिदिन चुकाने पड़ रहें हैं। इसी क्रम में अनेक केन्द्रों 17 दिवस तक लाईनों में खड़ा होना पड़ रहा है। इसी कारण किसानों को लुटने के लिए विवश होना पड़ रहा है। बारदाने की कमी बताकर भी किसानों को प्रतिक्षा करनी पड़ रही है। बिकानेर जिला राजस्थान का मूंगफली उत्पादक का सबसे बड़ा जिला हैं जिसकी श्रीडूंगरगढ़ तहसील का उत्पादन ज़िले के कुल उत्पादन का लगभग 60% है। उसमें भी मूंगफली खरीद के लिए एक केंद्र ही हैं। सम्पूर्ण ज़िले में लुट रहित केन्द्र एक भी खरीद केंद्र नहीं हैं। जिससे अंधेरे नगरी चौपट राजा की लोकोक्ति चरितार्थ हो रहीं हैं।
किसान महापंचायत युवा प्रदेशाध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद चौधरी, लोकसभा प्रभारी सत्यनारायण देवढा़, हनुमान बिजारणियां , किसान सांवरमल साहू, रामचंद्र जेतासर, नेतराम भादू,लेखराम ऊपनी, प्रभुदयाल गोदारा,मनीष घिन्टाला, कुलदीप सिंह जोधासर,आदि।
