सुन के दया करो विनय मोरी खास है
बीकानेर। बारह गुवाड़ चौक फूंभड़ा पाटे के समीप शीतला माता स्वांग मेहरी रम्मत का मंचन हुआ। अखाड़े में शीतला स्वरूप और गणेश स्वरूप के अवतरण और स्तुति गान के साथ रम्मत का आगाज हुआ। बोहरा-बोहरी, जाट-जाटणी पात्रों ने अच्छे जमाने की कामना की। उस्ताद बंशी महाराज और पुजारी बाबा के सानिध्य में मंचित हुई रम्मत में मां शीतला का स्तुति गान किया गया। इस दौरान कलाकारों ने शीतला माता का स्तुति गान किया। कलाकारों ने लावणी, चौमासा और ख्याल गीत गाए।
सुनारों की गुवाड़ में स्वांग मेहरी रम्मत
शीतला अष्टमी पर शहर में तीन स्थानों पर रम्मतों का मंचन हुआ। सुनारों की गुवाड़ में मध्यरात्रि बाद उस्ताद हीरालाल की स्वांग मेहरी रम्मत का आगाज मां भगवती स्वरूप के अवतरण के साथ हुआ। जोशी-जोशण स्वांग पात्रों ने अच्छे जमाने की कामना की। गणेश स्वरूप के अवतरण के साथ वंदना की गई। रम्मत के वरिष्ठ कलाकारा ज्ञानू मीनाकार के निर्देशन में मंचित हुई रम्मत में लावणी,चौमासा और ख्याल गीत गाए गए। मेहरी पात्रों ने नृत्य प्रस्तुत किए। जिसमें अनेक कलाकारों ने भूमिका निभाई।
अमर सिंह राठौड़ रम्मत का मंचन
लक्ष्मीनाथ घाटी स्थित सैन मण्डी में वीर रस प्रधान अमर सिंह राठौड़ रम्मत का मंचन हुआ। जोगमाया स्वरूप के अखाड़े में अवतरण के साथ रम्मत की शुरूआत हुई। उस्ताद आनन्द शंकर के सानिध्य में मंचित हुई रम्मत में राठौड से जुड़े प्रसंगों का प्रस्तुतिकरण ख्याल चौमासे के जरिये किया।

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