जूनागढ़ किले से निकली गणगौर की शाही सवारी
बीकानेर में सोमवार को गणगौर पर शाही सवारी निकली। राज परिवार की सैकड़ों साल पुरानी परंपरा को निभाते हुए जूनागढ़ से गवर राजशाही वैभव के साथ बाहर निकली और चौतीना कुआं पर पानी पीने की रस्म अदा की। वहीं बीकानेर के कई एरिया में गणगौर के मेले भरे।होली के अगले दिन से ही बीकानेर में गणगौर की रंगत शुरू हो जाती है। कुंवारी लड़कियां अपने घर या आसपास के घरों की छत पर गणगौर मांडती है। समय के साथ इस कला को भी विकसित होने का अवसर मिला है। सोलह दिन तक गणगौर की पूजा करने के बाद गणगौर मेले के दिन अपनी अपनी गंवर अपने ईसर के साथ ससुराल जाती है।इस परपंरा का निवर्हन सोमवार को भी बड़ी धूमधाम से हुआ। लोग घर की एक कन्या की तरह गवर की सेवा करते हैं। सोमवार को जूनागढ़ से गवर निकली तो बैंड बाजे की धुन शुरू हो गई। यहां से पूरी रीति नीति के साथ गवर को चौतीना कुआं तक ले जाया गया। इस दौरान राजपरिवार से जुड़ी महिलाओं ने गंवर को अपने सिर पर रखा और चौतीना कुआं तक पहुंचा। गवर के साथ बड़ी संख्या में लोग चौतीना कुआ पहंचे।इस दौरान जिला प्रशासन की ओर से पुख्ता व्यवस्था की गई। पुलिस और यातायात पुलिस ने गवर को रास्ता दिया।

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