“सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण में उभरती चुनौतियों” तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में आयोजित किया जा रहा है। पत्रकारों को जानकारी देते हुए कुलगुरू प्रो मनोज दीक्षित ने बताया कि यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम पर्यावरण विज्ञान विभाग, महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय, बीकानेर, ईस्टर्न मिशिगन विश्वविद्यालय, अमेरिका, राज ऋषि सरकारी कॉलेज अलवर, राजस्थान, पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय तेलंगाना, राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान और ट्रिनिटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी मुंबई, भारत, केयर्न ऑयल एंड गैस, बाड़मेर, गेहरी फाउंडेशन, जोधपुर, द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है। जिसमें देश विदेश के 75 संस्थानों के शोधार्थी, शिक्षक, वैज्ञानिक भा ले रहे हैं।
पर्यावरण विज्ञान महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय बीकानेर द्वारा आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी जिसका शीर्षक इमर्जिंग चौलेंजिस इन सस्टेनेबल डेवलपमेंट एंड एनवायरमेंटल कंजर्वेशन शीर्षक से रखा गया है। उपरोक्त संगोष्ठी ऑनलाइन ऑफलाइन मोड पर 25 से 27 मई तक आयोजित की जाएगी, जिसमें लगभग 20 देश के प्रतिभागी और विषय विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं, जिसमें भारत के अलावा अमेरिका, नाइजीरिया मलेशिया, इजिप्ट, बांग्लादेश, सऊदी अरब, वियतनाम, उज्बेकिस्तान, नेपाल, फिलिपींस, यू.ए.ई.. चीन, बुकीनाफासो, कनाडा, श्रीलंका तंजानिया, कुवैत, के विषय विशेषज्ञ वैज्ञानिक शोधार्थी और अकादमी की जगत के लोग भाग ले रहे हैं। उपरोक्त संगोष्ठी हेतु अभी तक 1400 से ज्यादा रजिस्ट्रेशन प्राप्त हो चुके हैं। और 600 से ज्यादा एब्स्ट्रेक्ट आ चुके हैं। इस तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के दौरान वर्तमान मैं बदलती जलवायु और पर्यावरण के परिपेक्ष में किस तरह विकास के कार्यक्रमों को स्थानिय प्राकतिक संसाधनों, पराम्पराओं को बचाते हुए गति प्रदान की जाय। इस लिये इन विकास के कार्यक्रमों की समीक्षा, विस्तृत अध्ययन के आयाम, उनके साथ हमारे प्राकृतिक संसाधनों को, पर्यावरण को, वातावरण को किस तरह से संरक्षित किया जा सकता है इस पर विस्तृत चर्चा होगी। साथ ही वर्तमान में कृषि क्षेत्र में कीटनाशकों के उपयोग उनसे होने वाले दुष्प्रभाव तथा क्लाइमेट चेंज की चुनौतियों पर भी विस्तृत चर्चा होगी।

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