राजस्थान
प्रतापगढ़ में धरा गया गैंगस्टर ‘सलमान खान’, पुलिस की सर्जिकल स्ट्राइक में मिला हथियारों का जखीरा
प्रदेश में एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स ने प्रतापगढ़ पुलिस के साथ मिलकर एक बड़ी कार्रवाई की है. दो प्रमुख अपराधियों कुख्यात गैंगस्टर सलमान खान और उसके हथियार सप्लायर राकेश कुमार को गिरफ्तार किया है, जिससे राज्य में अवैध हथियारों के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है.
राजस्थान में संगठित अपराध और अवैध हथियारों की कमर तोड़ने के लिए एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स ने प्रतापगढ़ पुलिस के साथ मिलकर एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. इस संयुक्त अभियान में 14 अवैध विदेशी और देशी हथियार, 1860 कारतूस और 10 मैगजीन का एक विशाल जखीरा बरामद किया गया है. पुलिस ने इस मामले में दो प्रमुख अपराधियों कुख्यात गैंगस्टर सलमान खान और उसके हथियार सप्लायर राकेश कुमार को गिरफ्तार किया है, जिससे राज्य में अवैध हथियारों के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है.
जिला पुलिस अधीक्षक विनीत कुमार बंसल ने बताया कि एजीटीएफ के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक दिनेश एम.एन. के निर्देशों और उप महानिरीक्षक पुलिस योगेश यादव के कुशल मार्गदर्शन में इस विशेष अभियान को अंजाम दिया गया. 28 जून को छोटीसादड़ी थाना पुलिस ने झालावाड़ निवासी राकेश कुमार पुत्र कचरू रामको छोटी सादड़ी-नीमच रोड से एक पिस्टल सहित गिरफ्तार किया था. राकेश, अवैध हथियार सप्लाई चेन का एक महत्वपूर्ण मोहरा था और उसकी गिरफ्तारी इस ऑपरेशन की पहली कड़ी साबित हुई. इस हथियार सप्लायर से एजीटीएफ टीम लगातार पूछताछ कर रही थी.
जिला पुलिस अधीक्षक विनीत कुमार बंसल ने बताया कि एजीटीएफ के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक दिनेश एम.एन. के निर्देशों और उप महानिरीक्षक पुलिस योगेश यादव के कुशल मार्गदर्शन में इस विशेष अभियान को अंजाम दिया गया. 28 जून को छोटीसादड़ी थाना पुलिस ने झालावाड़ निवासी राकेश कुमार पुत्र कचरू रामको छोटी सादड़ी-नीमच रोड से एक पिस्टल सहित गिरफ्तार किया था. राकेश, अवैध हथियार सप्लाई चेन का एक महत्वपूर्ण मोहरा था और उसकी गिरफ्तारी इस ऑपरेशन की पहली कड़ी साबित हुई. इस हथियार सप्लायर से एजीटीएफ टीम लगातार पूछताछ कर रही थी.
राकेश से हुई पूछताछ ने पुलिस को अपराध की दुनिया के एक और बड़े नाम सलमान पुत्र शेरखान निवासी नागदा, उज्जैन तक पहुंचाया. सलमान जो पहले से ही बांसवाड़ा जेल में फिरौती के एक मामले में बंद था, को एजीटीएफ ने प्रोडक्शन वारंट पर लिया. उससे की गई कड़ी पूछताछ ने कई चौंकाने वाले राज खोले. सलमान ने बताया कि उसके पिता शेरखान पठान भी पुलिसकर्मी थे, लेकिन हत्या सहित अन्य आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहे और अंततः पुलिस मुठभेड़ में मारे गए थे. पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए सलमान ने कम उम्र में ही अपराध की दुनिया में कदम रख दिया था. स्कूल छोड़ने के बाद वह लड़ाई-झगड़ों में शामिल हो गया और अपनी 90 बीघा पैतृक जमीन होने के बावजूद प्रॉपर्टी डीलिंग के नाम पर विवादित जमीनों पर कब्जा करने लगा, जहां उसके “खौफ” का राज चलता था. अपने खिलाफ लगातार बढ़ते मुकदमों से बचने के लिए सलमान ने निवास बदलकर फर्जी पासपोर्ट बनवाया और दुबई भाग गया था.
राकेश से हुई पूछताछ ने पुलिस को अपराध की दुनिया के एक और बड़े नाम सलमान पुत्र शेरखान निवासी नागदा, उज्जैन तक पहुंचाया. सलमान जो पहले से ही बांसवाड़ा जेल में फिरौती के एक मामले में बंद था, को एजीटीएफ ने प्रोडक्शन वारंट पर लिया. उससे की गई कड़ी पूछताछ ने कई चौंकाने वाले राज खोले. सलमान ने बताया कि उसके पिता शेरखान पठान भी पुलिसकर्मी थे, लेकिन हत्या सहित अन्य आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहे और अंततः पुलिस मुठभेड़ में मारे गए थे. पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए सलमान ने कम उम्र में ही अपराध की दुनिया में कदम रख दिया था. स्कूल छोड़ने के बाद वह लड़ाई-झगड़ों में शामिल हो गया और अपनी 90 बीघा पैतृक जमीन होने के बावजूद प्रॉपर्टी डीलिंग के नाम पर विवादित जमीनों पर कब्जा करने लगा, जहां उसके “खौफ” का राज चलता था. अपने खिलाफ लगातार बढ़ते मुकदमों से बचने के लिए सलमान ने निवास बदलकर फर्जी पासपोर्ट बनवाया और दुबई भाग गया था.
पुलिस को सबसे महत्वपूर्ण जानकारी यह मिली कि दुबई जाने से पहले उसने अपने सभी अवैध हथियार दोस्त मोहम्मद नवाज निवासी रतलाम के पास 30 लाख रुपये की सिक्योरिटी के तौर पर गिरवी रख दिए थे. उसका इरादा था कि जेल से छूटने के बाद वह इन्हें वापस ले लेगा. सलमान की निशानदेही पर पुलिस ने छोटी सादड़ी इलाके से भारी मात्रा में अवैध विदेशी और देशी हथियार व कारतूस बरामद किए हैं. इनमें शामिल हैं: 12 बोर पंप एक्शन गनः 1, 22 बोर राइफल: 1, 22 बोर रिवॉल्वरः 3, 32 बोर ऑटोमेटिक माउजर: 1, 32 बोर पिस्तौल: 8, खाली मैगजीनः 10, मैगजीन फिलर: 2 विभिन्न बोर के कारतूस बरामद किए है. सलमान पर पहले से ही मारपीट, धमकी, आर्म्स एक्ट, चोरी, हत्या के प्रयास, रंगदारी और एनडीपीएस एक्ट सहित दर्जनों गंभीर मुकदमे दर्ज हैं.
इस सफल अभियान को अंजाम देने वाली एजीटीएफ राजस्थान जयपुर टीम में पुलिस निरीक्षक सुभाष सिंह, एएसआई शंकर दयाल शर्मा, हेड कांस्टेबल सुरेश कुमार, कमल सिंह, कांस्टेबल नरेश कुमार, रतिराम और सुरेश कुमार शामिल रहे. वहीं, पुलिस थाना छोटी सादड़ी की टीम में थानाधिकारी प्रवीण टांक, एसआई निर्भय सिंह, एएसआई शिवराम गुर्जर, अर्जुन सिंह, भंवर सिंह, हेड कांस्टेबल सुरेश, महेश, रघुवीर सिंह, कांस्टेबल रामराज और तेजपाल ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
