बीकानेर। गुरु शिष्य परम्परा का पर्व गुरु पूर्णिमा गुरूवार को श्रद्धा भाव के साथ मनाया गया। शिष्यों ने गुरु चरणों का पूजन कर वंदन किया। गुरु चरणों में शीश झुके। मंदिरों,मठों,बगीचीयों,गुरु आश्रमों और शिक्षण संस्थाओं में गुरु पूजन के कार्यक्रम हुए। शिष्यों ने अपने गुरु चरणों का चंदन,कुमकुम, अक्षत,पुष्प,इत्र,रोली,दूध,जल आदि सामग्री से पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। मठों,बगीचीयों में संत-महात्माओं की समाधियों का अभिषेक-पूजन हुआ। गुरु चरणों के पूजन के साथ कई गुरु आश्रमों,बगीचीयों,मठों में भक्ति संगीत के कार्यक्रम हुए। कई स्थानों पर गुरु पूर्णिमा महोत्सव के आयोजन हुए। कई गुरु आश्रमों में गुरु प्रसादी के भी आयोजन हुए।अलसुबह से शुरू हुआ गुरु चरणों के पूजन का क्रम रात तक चलता रहा। इस दौरान मंदिरों, मठो,बगीचीयों आदि में गुरु चरणों के दर्शन-पूजन के लिए शिष्यों व श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी। संत-महात्माओं के दर्शन-पूजन का क्रम दिनभर चला। इस दौरान विवेक नाथ बगीची,लालीमाई बगीची,लालेश्वर मंदिर शिवमठ शिवबाड़ी,श्रीधनीनाथ गिरीमठ पंच मंदिर,शिव शक्ति साधना पीठ सहित कई स्थानों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।
दिन भर चला दर्शन-पूजन का क्रम
गुरु पूर्णिमा पर विवेक नाथ बगीची में संत महात्माओं की समाधियों का पूजन योगी शिव सत्यनाथ महाराज के सानिध्य में हुआ। दिन भर बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने शिवसत्यनाथ के चरणों की वंदना की। श्री धनीनाथ गिरीमठ पंच मंदिर में निर्वाण पीठाधीश्वर स्वामी विशोकानंद भारती के सानिध्य में मूर्तियों व समाधियों का पूजन हुआ। बाद में शिष्यों ने गुरु पूजन किया व मंत्र दीक्षा हुई। लालेश्वर मठ शिवबाड़ी में महंत विमर्शानंद महाराज के सानिध्य में गुरु पूर्णिमा महोत्सव मनाया गया। सामूहिक रुप से गुरु पूजन हुआ। जीवणनाथ बगीची में समाधि व मूर्ति का पूजन व आरती हुई। लालीमाई बगीची में गुरु पूर्णिमा पर्व अपूजन-आरती के साथ मनाया गया। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने दर्शन-पूजन किए। गणेशधोरा धाम में गुरु पूर्णिमा महोत्सव मनाया गया।
भक्ति संगीत व प्रसादी के आयोजन
गुरु पूर्णिमा पर मंदिरों,मठों,बगीचीयों सहित गुरु आश्रमों में भक्ति संगीत और गुरु प्रसादी के भी आयोजन हुए। गुरु आश्रमों में शिष्यों व कलाकारों ने भजन, वाणियां,गुरु स्तुती गान किया। वहीं गुरु आश्रमों में गुरु प्रसादी के भी आयोजन हुए।
गुरु चरणों में भेंट
गुरु पूर्णिमा पर शिष्यों व श्रद्धालुओं ने गुरु चरणों का पूजन कर पताशा, मिश्री, प्रसाद, श्रीफल, ऋतुफल, वस्त्र, नकद राशि आदि गुरु चरणों में भेंट किए। मठो, बगीचीयों आदि में दिनभर प्रसाद वितरण का कार्यक्रम भी चलता रहा।