विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के तत्वावधान में संपूर्ण भारत में कुटुंब व्यवस्था एवं पर्यावरण के प्रति मातृ शक्ति की भारतीय दृष्टि विकसित करने हेतु “सप्त शक्ति संगम” का आयोजन किया जा रहा है, इसी कड़ी में बीकानेर के स्थानीय आदर्श विद्या मंदिर घड़सीसर रोड,एवं आदर्श विद्या मंदिर भीनासर में भी कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें प्रखर राष्ट्रवादी वक्ता, समाज सेवी, साहित्यकार सुधा आचार्य ने मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भगवद्गीता के दसवें अध्याय के 34 वे श्लोक में नारी के समस्त गुणों का वर्णन किया गया है।
“कीर्ति ,श्रीवाक् च नारीणम् स्मृतिमेधा,धृति: क्षमा”
सुधा आचार्य ने बताया कि परिवार मनुष्य के विकास की मूल इकाई और जीवन निर्माण का केंद्र है। भौतिक विकास के साथ-साथ जीवन मूल्यों के संस्कार का आधार परिवार ही है पर्यावरण के विषय पर विचार रखते हुए सुधा आचार्य ने कहा कि हमारे मनुष्य ने प्रकृति चक्र का सिद्धांत दिया प्रकृति के विभिन्न अवयव भूमि, जल,वायु अग्नि एक जैविक परिवार है और इसी चक्र को स्थिर एवं संतुलित बनाए रखने का नाम ही पर्यावरण संरक्षण अर्थात् पर्यावरण संतुलन है।
राष्ट्रहितार्थ आयोजित इस कार्यक्रम में कार्यक्रम अध्यक्ष मधुबाला शर्मा, डॉक्टर अभिलाषा जी आला, रूपा रामावत, कंचन सारड़ा सहित बड़ी संख्या में मातृशक्ति उपस्थित रही।

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