बीकानेर। देश में चाहे कानूनों में कितने ही बदलाव हो जाएं। फिर भी पुलिस अपने ही तरीके से काम करेगी। एक जुलाई से आएं कानूनों के बदलाव में महिलाओं को भले ही जल्द न्याय के दावे किये जा रहे हो। उसके बाद भी इन दावों में कितनी सच्चाई है,इसकी बानगी छत्तरगढ़ थाने में देखने को मिल रहा है। जहां एक पीडि़ता अपने परिवाद के लिये थाने के चक्कर निकाल रही है। लेकिन पांच दिन हो गये अब तक मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है। इसकी असल वजह राजीनामा का दबाव बताया जा रहा है। परिवादियां ने बताया कि रेप के मामले में मुकदमा दर्ज करने की बजाय थानेदार राजीनामें का दबाव डाल रहे है। अपनी मां और बहन के साथ थाने के आगे बैठी पीडि़ता के परिजनों ने बताया कि नए कानून का हवाला देकर पीडि़ता से मेडिकल रिपोर्ट मांगी जा रही है।
पहले भी रहे है विवादों में
जानकारी मिली है कि छत्तरगढ़ थानाधिकारी पूर्व में भी करोड़ों रूपये जमीन में घालमेल का मामला दर्ज करवाने को लेकर जानकारी लेने गये पत्रकार से साथ बदसलूकी को लेकर विवाद में रहे है। वहीं कुछ दिन पहले दो अधिवक्ताओं द्वारा सोलर कंपनी के लोगों द्वारा उनके खेत में पट्टियां तोडऩे को लेकर परिवाद देने पर भी एफआईआर नहीं दर्ज करवाने की शिकायत सामने आ रही है।

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