बारह मासा गणगौर का पूजन, भरा मेला बीकानेर । अखंड सुहाग व अपने मंगलमय जीवन की कामना कठिन तपस्या व साधना से बारह मासा गणगौर का पूजन करने वाली महिलाएं गाजे बाजे से, नाचते तथा गीतों की स्वर लहरियां बिखरते हुए जूनागढ़ पहुंची। जूनागढ़ में मेला भरा तथा राज परिवार की ओर से परम्परानुसार पांच रुपए, लड्डू व नारियल से शहर के विभिन्न मोहल्लों से आई करीब 200 से अधिक गणगौरों का खोळ भरा गया। शहरवासियों के साथ मेले को देखने के लिए देशी-विदेशी पर्यटकों का भी हजूम जमा था।बारह गुवाड़ व शहर के अनेक इलाकों में बारहमासा गणगौर की पूजा की गई तथा गीत गाए गए। बारह गुवाड़ में मेला भरा तथा दो शताब्दी से अधिक आलूजी-बाबूलालजी छंगाणी की मिट्टी कुट्टी से बनी गणगौर,ईसर, गुजरी, कृष्ण व भगवान गणेश की पूजा अर्चना की गई।बारह माह गणगौर का पूजन करने वाली सुहागिन महिलाएं घर में महिलाओं को भोजन करवाकर गणगौर का दान करेंगी। महाराजा राय सिंह ट्रस्ट की ओर से जूनागढ़ पहुंचे मेलार्थियों के लिए पेयजल आदि की व्यवस्था की गई। महिलाओं ने जूनागढ़ आई गणगौर, ईसर व भाइए की प्रतिमाओं के नकदी, फल, बतासे आदि सामग्री से खोळ भराया । कई गणगौर, ईसर व भाइए की प्रतिमाएं एक ही बंगली में प्रतिष्ठित थीं वहीं कई गणगौरों के नोटों व बेशकीमती गहनों का श्रृंगार किया हुआ था। गणगौर व ईसर की प्रतिमाओं के आगे महिलाओं, बालिकाओं ने जमकर नृत्य किया। उनको नृत्य करते देख विदेशी महिलाओं ने ठुमके लगाकर गणगौर उत्सव का आनंद लिया।

 

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