बीकानेर। पत्रकारों ने जनसंपर्क विभाग के पूर्व संयुक्त निदेशक दिनेश चंद्र सक्सेना और वरिष्ठ पत्रकार के डी हर्ष कोहिनूर को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर इनकी स्मृति में आयोजित सभा में बीकानेर प्रेस क्लब के अध्यक्ष भवानी जोशी ने कहा कि सक्सेना जनसंपर्क विधा के सच्चे पैरोकार थे। वे सभी पत्रकारों को साथ लेकर चलते। उनका निधन पत्रकार जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। जोशी ने कहा कि हर्ष ने अपना पूरा जीवन पत्रकारिता का समर्पित कर दिया। वरिष्ठ पत्रकार श्याम मारू ने कहा कि सक्सेना ने प्रशासन और पत्रकारों के बीच सेतु का काम किया। उनका स्वभाव मित्रवत था। वहीं कोहिनूर अपने नाम के अनुरूप थे। जिन्होंने जीवन के अंतिम क्षणों तक पत्रकारिता को जिन्दा रखा। मोहन थानवी ने सक्सेना को अजातशत्रु बताया। उन्होंने कहा कि उनकी मिलनसारिता अद्भुत थी। हर्ष के जीवन का स्मरण करते हुए थानवी ने कहा कि के डी हर्ष ने अपने जीवन में लेखनी से कभी समझौता नहीं किया। प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष जयनारायण बिस्सा ने कहा कि दिनेश सक्सेना सफल जनसंपर्क कर्मी के साथ बेहतरीन इंसान थे। उन्होंने हर्ष के संस्मरण सुनाते हुए कहा कि हर्ष ने जीवनपर्यन्त अपने अखबार का प्रकाशन किया। आर्थिक संघर्ष के बाद भी उन्होंने अखबार का प्रकाशन कभी नहीं रोका। बिस्सा ने हर्ष के संघर्ष और सक्सेना से सादगी व सद्व्यवहार को अपने जीवन में उतारने की बात कही। डॉ. नासिर जैदी ने कहा कि सक्सेना ने नए पत्रकारों को आगे बढ़ाने का काम किया। सभी पत्रकारों ने वरिष्ठ पत्रकार केशव दास हर्ष को भी श्रद्धांजलि दी। वक्ताओं ने कहा कि कोहिनूर के नाम से प्रसिद्ध हर्ष जुनूनी पत्रकार थे। उन्होंने सही मायनों में पत्रकारिता को जिया। इस दौरान जनसंपर्क विभाग के सहायक निदेशक हरि शंकर आचार्य,राजेंद्र भार्गव, मोहम्मद अली पठान, मोहम्मद रफीक पठान, जितेंद्र व्यास, रमजान मुगल, राम स्वरूप भाटी, सुमित व्यास, राजा जोशी, शिव भादाणी, नौशाद अली, महेंद्र मेहरा, राजेश छंगाणी सहित अन्य पत्रकारों ने सक्सेना के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला। इस दौरान दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति की कामना की गई। सभी ने सक्सेना के चित्र के समक्ष पुष्पांजलि अर्पित की।

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