बीकानेर की एक महिला भी इस उद्योग से जुड़कर आज कई महिलाओ को रोजगार देने का काम कर रही है। यदि घर में सगाई, विवाह या कोई मांगलिक कार्य हो मौली का उपयोग किया जाता है। देश-प्रदेश में उच्च क्वालिटी की मौली की मांग रहती है। महिला कृष्णा खत्री के ससुर ने इस कारोबार को छोटे स्तर पर शुरू किया था लेकिन नियमित आपूर्ति के अभाव में कई बार इस ‘कारोबार को बीच-बीच में बंद करना पड़ा। । आज कृष्णा ने अपनी कड़ी मेहनत के दम पर इस कारोबार को बड़े रूप में खड़ा कर लिया है। नियमित मौली उद्योग में करीब दस से बारह घंटे काम करते हैं और देशभर में मौली को भेज कर अपनी अलग पहचान कायम की है। उन्होंने बताया कि मौली में प्रयुक्त होने वाले धागा व कलर बेस्ट क्वालिटी का ही इस्तेमाल करते हैं। दीपावली पर सर्वाधिक डिमांड रहती है ऐसे में काम भी ज्यादा होता है। कृष्णा आज इस उद्योग के माध्यम से ना केवल अपना घर अच्छे से चला रही है बल्कि कई महिलाओ को रोजगार देकर उनके जीवन को भी बेहतर बनाने का काम कर रही है।

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