बीकानेर। श्रीराम कथा समिति के तत्वाधान में सीताराम भवन में चल रही 9 दिवसीय शिव पुराण कथा के आठवें दिन वृन्दावन से पधारे महाराज भरत शरण ने कहा कि शिव पुराण कल्प वृक्ष के समान है,जो इसे जिस कामना के साथ सुनता,वह कामना पूरी होती है। शिव जब अपने भगत पर प्रसन्न होते हैं तो वह उसे सब कुछ प्रदान कर देते हैं। उन्हें प्रसन्न क रने के लिए किसी बड़े प्रयास की जरूरत नहीं है। वह तो केवल सच्ची श्रद्धा और भक्ति के अधीन है। महाराजश्री ने कहा कि सागर से भी गहरा बंदे गुरु का प्यार है, देख लगा गोता इसमें तेरा बेड़ा पार है। जैसे नारियल पेड़ अपने अनुकूल भूमि पर उगता और पोषित होता है। उसी प्रकार महादेव के प्रति जिसके मन में अकाट्य श्रद्धा होती है, माता पिता के संस्कार उच्च होते हैं, अच्छे कर्म होते हैं उन्हीं व्यक्ति को भगवान शिव की क ृपा एवं भक्ति प्राप्त होती है।उन्होंने कहा कि जब दुनिया में धर्म का नाश होता है तब शिव आगे आकर धर्म की,लोगों की रक्षा करते हैं। इस मौके पर सोनू बाबा,विष्णु तिवारी तथा बंटी महाराज ने दुनिया के सताए लोग यहां सीने से लगाएं जाते हैं..,सागर से भी गहरा बंदे गुरु प्रेम का प्यार है, देख लगाकर गोता इसमें तेरा बेड़ा पार है…, भजन सुनाकर भाव विभोर कर दिया। आरती के बाद सभी श्रद्धाओं ने प्रसाद ग्रहण किया। इससे पहले यजमान शिवनारायण राठी ने परिवार सहित पोथी पूजन करवाया। इस मौके पर नारायण डागा,जगदीश कोठारी,नारायण मिमानी,याज्ञवल्क्य दम्मानी,मोहित चांडक,विष्णु चांडक,घनश्याम कल्याणी,दिलीप उपाध्याय,गोवर्धन दम्माणी,सौरभ चांडक,कन्हैयालाल सारड़ा,घनश्याम सारड़ा सहित बड़ी संख्या में भक्तगण मौजूद रहे। आयोजन से जुड़े नारायण डागा ने बताया कि मंगलवार को कथा की पूर्णाहुति होगी।

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