चेटीचन्ड महोत्सव
झूलेलाल का पंचामृत से अभिषेक,
ताहिड़ी (छोले) का भोग लगाया।
आयो झूलण आयो अचो नचो खूशियूं मनायों……..
उथो जागो अचो खूशियूं मनायूं,
जीये मुहिंजो सिन्ध मा त घोरया पाहिंजी जीन्द
पहिंजे अबाणे वतन तां…..
कीअं विसारा सिन्ध जां नजारां…
चंड ज्यूं रात्यू एं बहराना
जैसे सिन्धी गीतों पर झूमते लोग, सिन्धुमय वातावरण का यह अवसर था चेटीचन्ड पर्व पर। आज 10 अप्रेल 2024 बुधवार को समाज की विभिन्न संस्थाओं संत कंवरराम सिन्धी समाज ट्रस्ट, भारतीय सिन्धु सभा, मातृ शक्ति सतसंग मंडली, जय झूलेलाल युवा सिन्धी मण्डल के संयुक्त तत्वाधान में चेटीचन्ड महोत्सव का आयोजन किया गया। प्रातः झण्डारोहण और झूलेलाल की प्रतिमा का पंचामृत से अभिषेक दादी रूकमणी, पुनम टिकयानी, वर्षा लखानी और मातृ शक्ति मंडल की वरिष्ठ सदस्यों द्वारा किया गया, और ताहिड़ी (मीठे चावल और छोले) का भोग लगाया गया।
सतसंग मंडली की कांता हेमनानी, भारती गुवालानी, कमला सदारंगानी, मनुमल, दीपचन्द, रमेश रामदास सदारंगानी आदि ने भजन और गीतो के द्वारा इष्ट देव की अरदास की। दोपहर में सामुहिक भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें श्याम वाधवानी, हरीष वलीरमाणी कैलाश गुवालानी आदि ने तन-मन-धन से निस्वार्थ अपनी सेवाएं दी। शाम को कीर्तन व सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें बाल कलाकारों अपनी प्रस्तुति दी।
भारतीय सिंधु सभा के प्रदेष प्रतिनिधि टीकम पारवानी ने आज 10 अप्रेल को आयोजित किये जाने वाले सिंधी भाषा दिवस के बारे में विस्तार से बताया कि हिन्दी-सिंधी और संस्कृत का आपस में घनिष्ठ संबंध है। सनातन धर्म पर प्रकाष डाला। ट्रस्ट के तेजप्रकाश वलीरमानी व किशन सदारंगानी ने बताया कि चेटीचन्ड महोत्सव का समापन आज गोधूली की वेला में झूलेलाल की पवित्र ज्योति को जलकुण्ड में विसर्जित कर किया गया। इस अवसर पर आगामी लोकसभा आम चुनाव में शत प्रतिषत मतदान हेतु समाज के सदस्यों को शपथ दिलवाई

 

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