बीकानेर। नौतपा शुरू होने के साथ ही बीकानेर भट्टी की तरह तपने लगा है और फिर पारे ने 47 डिग्री से ज्यादा छंलाग लगाई है। ऐसे में बड़े शहरों की तर्ज पर नगर निगम की ओर से कोटगेट व सांखला फाटक के पास राहगीरों के लिये टैंट से छांव की व्यवस्था की है। हालांकि इस व्यवस्था से फाटक बंद होने की स्थिति में राहगीरों को कुछ राहत तो जरूर मिलेगी। लेकिन आधे अधूरे इंतजाम के बीच जोखिम से भी इंकार नहीं किया जा सकता। यहां से गुजर रहे लोगों से जब बातचीत की तो राहगीर बोले क्रॉसिंग समस्या का समाधान तो नेता कर नहीं पाये,यूं छांव का ही इंतजाम हो गया तो थोड़ी राहत मिली है। किन्तु फाटक बंद के समय बस इतना ही जाम नहीं लगता। इस टैंट को ओर बढ़ाना चाहिए था। टेंट को देखकर लोग कह रहे हैं, ‘देर आए लेकिन दुरुस्त नहीं आएÓ क्योंकि कोटगेट रेल फाटक बंद होने से लेकर खुलने तक जाम कोट गेट तक और इधर फड़ बाजार चौराहे तक लग जाता है,लेकिन जो टेंट लगाया गया है, वह आधी दूरी भी कवर नहीं करता। लोगों का कहना है कि तीस फीट का टेंट नहीं भी लगाते तो कोई फर्क नहीं पड़ता। बीकानेर वालों को तो वैसे भी गर्मी सहने की आदत पड़ गई है। वहीं कुछ बोले आवारा पशुओं व तेज अंधड़ के समय ये खतरे की घंटी साबित हो सकते है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *