बीकानेर। सावन में हरियाली अमावस्या का विशेष महत्व है। रविवार को हरियाली अमावस्या मनाई गई। इस अवसर पर देव प्रतिमाओं का विशेष अभिषेक, पूजन और श्रृंगार किया गया। घरों और मंदिरों में देव प्रतिमाओं और मंदिरों को विभिन्न प्रकार के पुष्पों,ऋतुफल,दूब,हरी पतियों आदि से सजाया गया। शिवालयों में अभिषेक-पूजन के आयोजन किये गये। तो भगवान शनि का तेल से अभिषेक किया गया। भगवान शंकर के पंचवक्त्र का सर्वोषधि,घी, दूध से रूद्राभिषेक किया। गायों को घास खिलाया व जरुरतमंदों को अन्न और वस्त्र दिए गये। ज्योतिषाचार्य पंडित राजेन्द्र किराडू के अनुसार सावन की हरियाली अमावस्या का विशेष महत्व है। धर्मग्रंथों व व्रतराज आदि में इसका विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन पित्तरों का विशेष पूजन,तर्पण,पिंडदान आदि का अधिक महत्व है। इस दिन ग्रहों की शांति के लिए पौधरोपण फलदायक बताया गया है। जन्म पत्रिका में स्थित क्रूर ग्रहों की दशा की शांति के लिए भगवान शंकर के पंचवक्त्र का सर्वोषधि, घी, दूध से अभिषेक का विशेष है। हरियाली अमावस्या के दिन गायों को हरा चारा खिलाने का अधिक पुण्य है।
