बीकानेर। श्री नेहरू शारदा पीठ पी.जी महाविद्यालय,बीकानेर में जिला स्तरीय चित्रकला प्रतियोगिता – 2024 का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में बीकानेर 50 स्कूलों और विभिन्न महाविद्यालयों के छात्र-छा़त्राओं ने भाग लिया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में लोकप्रिय बीकानेर पष्चिम क्षेत्र के विधायक श्री जेठानन्द जी व्यास ने सभी छात्रों को आषीर्वाद देते हुए कहा कि कला जीवन का महत्वपूर्ण अंग है जिसके माध्यम से हम हर मुष्किल का सामना कर सकते है साथ ही उन्होंने कहा कि यह महाविद्यालय बीकानेर के हृदय स्थल पर स्थापित षिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी महाविद्यालय है। महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. प्रषान्त बिस्सा ने अतिथियों का शब्दाभिषेक करते हएु कहा कि नेहरू शारदा पीठ. पी.जी बीकानेर का ऐसा महाविद्यालय है जहां पर सभी संकायों के विषय संचालित हो रहे है तथा शहर के भिन्न-भिन्न संस्थानों से आये छात्रों के सर्वांगिण विकास तथा चित्रकला में निरन्तर उन्नती के लिए मार्ग प्रषस्त किया और कहा कि हम आगे राष्ट्रीय स्तरीय चित्रकला प्रतियोगिता करवाने का प्रयास करेंगे और जिन छात्रों ने चित्र बनायें उनके चित्रों की प्रदषनी महाविालय मंे लगायेंगे। विषिष्ठ अतिथि के रूप में समाजसेवी एवं भाजपा नेता राजकुमार किराडू ने कहा कि पष्चिम में हर क्षेत्र में विकास का कार्य किया जायेगा और छात्रों से कहा कि यूवा ही देष का भविष्य है इन्हें षिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ते रहना की कामना की तथा महाविद्यालय के कार्य के लिए हमेषा तैयार रहूंगा। इस अवसर पर समासेवी रामदेव जी राठी ने बच्चों का उत्साहवर्धन किया।
इस प्रतियोगिता मे कक्षा आठ से लेकर विष्वविद्यालय तक के विद्यार्थियों ने भाग लिया जिसमें विंगस इंटरनेषनल स्कूल प्रथम स्थान पर रही तथा इसमें निर्णायक के रूप मे डाॅ. मोना सरदार डूडी, सुनिल दत रंगा, रामकुमार भादाणी, एस.एल. हटिला ने भूमिका निभाई
इस अवसर पर पार्षद जुगल आचार्य, कुसुम आचार्य सहायक अभियन्ता, डाॅ मनीषा गांधी,, प्रदीप साध, श्रवण कमार साध, राजेष साध, तनवीर भाटी, गौतम स्वामी, मोहित पुरोहित, कुन्दन स्वामी, स्वरूप सिंह, तनुश्री पुरोहित, आरती ज्याणी, कुसुम पारीक, रमेष भोजक, अमित पारीक, अरविन्द स्वामी, गोवर्धन भादाणी, मुकेष पुरोहित तथा महाविद्यालय स्टाफ उपस्थित रहें।
कार्यक्रम समाप्ति पर महाविद्यालय के व्याख्याता राजकुमार पुरोहित ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। मंच का संचालन डाॅ.गौरीशंकर प्रजापत ने किया।
