‘पिछम धरा सं म्हारा पीर जी पधारिया, ‘जय अजमल लाला तथा ‘खम्मा खम्मा ओ कंवर अजमल रा सरीखे स्तुती गान से बाबा रामदेव के मंदिर गुरूवार को गूंजते रहे। भाद्रपद मास की दूज तिथि पर बाबा रामदेव मंदिरों में सुबह से देर रात तक अभिषेक, पूजन,दर्शन का सिलसिला चलता रहा। बाद में महाआरती हुई। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने धोक लगाई व मन्नते मांगी। श्रद्धालुओं ने पताशा, मिश्री, चूरमा, मिठाई, नारियल का भोग अर्पित किया। मंदिरों के आगे मेले सा माहौल रहा। श्रद्धालुओं की लम्बी कतारें लगी। मंदिरों में भजन-कीर्तन के आयोजन हुए। घर-घर में बाबा रामदेव की पूजा-अर्चना की गई।
सुजानदेसर स्थित बाबा रामदेव मंदिर में मेला भरा। अलसुबह अभिषेक, पूजन शृंगार और महाआरती के साथ मेले की शुरुआत हुई। रात तक श्रद्धालुओं की लम्बी कतारें लगी रही। मंदिर बाबा के जयकारों से गूंजता रहा। मंदिर के बाहर बड़ी संख्या में खान-पान, घरेलू सामान आदि की अस्थायी दुकाने लगी रही। मेले में महिलाओं और बच्चों ने झूलों का आनन्द लिया। ग्रामीण क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में पदयात्री पहुंचे। पदयात्रियों के लिए सेवादारों ने जगह-जगह शीतल जल, छाछ, शर्बत आदि की निशुल्क सेवाएं की। इस दौरान पुलिस और यातायात विभाग की पुख्ता व्यवस्था रही।
