होलिका दहन के दूसरे दिन से चल रहे गणगौर पूजन की पूर्णाहुति को हुई। रियासतकालीन परम्परा के तहत जूनागढ़ प्रांगण में धींगा गणगौर का मेला भरा। पूर्व बीकानेर राज परिवार की ओर से गणगौर प्रतिमाओं के श्रीफल, मिठाई और नकद राशि से खोळ भरने की रस्म का निर्वहन किया गया।शहर में जगह-जगह गणगौर सवारी निकाली गई व बारह गुवाड़ चौक सहित कई स्थानों पर धींगा गणगौर प्रतिमाओं का पूजन और गीतों के गायन हुए। घरों सहित गली, मोहल्लो, चौक-चौराहों पर गणगौर प्रतिमाओं को विराजित कर पूजन व खोल भरने के आयोजन हुए। बालिकाओं व महिलाओं ने गणगौर प्रतिमाओं के आगे नृत्यों की प्रस्तुतियां दी।जूनागढ़ प्रांगण में भरे मेले में शामिल होने के लिए गणगौर प्रतिमाओं की सवारी गाजे-बाजे के साथ निकली। महिलाएं व पुरुष प्रतिमाओं को अपने सिर पर रखकर नाचते-गाते जूनागढ़ पहुंचे। यहां महिलाओं ने गणगौरी नृत्य किए। ढोल-नगाड़े के स्वरों के बीच महिलाएं गणगौर के रंगों से सराबोर नजर आई।

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