बीकानेर
रेलवे फाटक की समस्याओं से बीकानेरवासी पिछले कई दशकों से यंत्रणा झेल रहे हैं । जब रेलगाड़ी आती है तो यह शहर दो भागों में बंट जाता है । ऐसा 24 घंटे में लगभग तीन दर्जन बार होता है । राजनीतिक दल पिछले कई दशकों से बीकानेर की रेल फाटक की समस्या का हर संभव समाधान करवाने के लिए हर चुनाव में इसे मुद्दा बनाते हैं, लेकिन आज तक इसका समाधान नहीं हुआ है। ऐसे में बीकानेर के कुछ जागरूक नागरिकों ने एक मॉडल तैयार किया है जिसमें रेलवे ट्रैक को ही ऊंचा उठा दिया जाए और इस समस्या का स्थाई समाधान कर दिया जाए । बीकानेर के मुम्बई प्रवासी हरीश राजपाल ने बताया है कि लालगढ़ की तरफ से जब ट्रेन आए तो चौखूंटी ओवर ब्रिज के बाद से ट्रैक को एलीवेट करना शुरू कर दिया जाए और कोटगेट आते-आते यह ट्रेक पूरी तरीके से ऊपर हो जाए और नीचे से ट्रैफिक निकलना शुरू हो जाए। आगे बताया गया है सांखला फाटक की समस्या का समाधान करने के लिए रेलवे ट्रैक को वहां से फाटक के ऊपर से ले जाते हुए बीकानेर स्टेशन का जो पांच नंबर रेलवे प्लेटफार्म उसे उपर बना दिया जाए। यात्री एक्सक्लेटर से ऊपर जा कर ट्रेन में चढ़े-उतरे। बाकी की लाइन नीचे रहे । बीकानेर और लालगढ़ के बीच में जब भी ट्रेन का आवागमन हो तो इस पटरी का इस्तेमाल किया जा सकता है । जोधपुर की तरफ जब ट्रेन रवाना हो तो ट्रेक नीचे उतरना शुरू करे और रानी बाजार पुलिया से पहले पूरी तरह जमीन पर आ जाए। इससे न बीकानेर का व्यापार प्रभावित होगा और नहीं यातायात को कोई बाधा पहुंचेगी।

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