केंद्रीय महिला एवं बाल विकास विभाग नई दिल्ली के निर्देश पर राष्ट्रीय अभियान “बाल विवाह मुक्त भारत” का आज महारानी स्कूल में शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर उपस्थित बालिकाओं और शिक्षक शिक्षिकाओं ने बाल विवाह न करने और ना इसमें शामिल होने की शपथ ली। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि बाल विवाह मुक्त भारत प्रधानमंत्री के वर्ष 2047 तक ‘विकसित भारत’ के सपने से प्रेरित है। इस सपने को तब तक हासिल करना संभव नहीं है जब तक महिलाओं और लड़कियों को जीवन के सभी क्षेत्रों में पूर्ण, समान और सार्थक भागीदारी न मिले। इसे सुनिश्चित करने के लिए, यह जरूरी है कि इस दुनिया में उनकी यात्रा की शुरुआत से ही लड़कियों के मुद्दों का ‘पूरी सरकार’ और ‘पूरे समाज’ के दृष्टिकोण से ध्यान रखा जाए। यह अभियान बाल विवाह को खत्म करने और देश भर में युवा लड़कियों को सशक्त बनाने के लिए सरकार के चल रहे प्रयासों का एक प्रमाण है, जो एक प्रगतिशील और समतापूर्ण समाज सुनिश्चित करता है जहां हर बच्चे की क्षमता को पूरी तरह से साकार किया जा सके।