गुरु गोविंद सिंह के प्रकाशोत्सव से पूर्व सिख समाज द्वारा नगर कीर्तन के दौरान निकाली गई। इसमें खालसा पथ के अनुयायियों द्वारा किया गया गतका प्रदर्शन हर एक के लिए आकर्षण का केंद्र रहा। खालसा पथ द्वारा आत्मरक्षा और युद्ध कला में निपुण करने वाली गतका कला का प्रदर्शन किया गया। इसमें छोटे बच्चे और युवाओं ने खतरनाक हथियारों( परंपरागत) से केसे आत्म रक्षा की जाए उसका प्रदर्शन किया। छोटे बच्चों द्वारा किया गया प्रदर्शन सबको दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर कर दिया।