‘कर्मभूमि से मातृभूमि’ के विकास के आगे आएं भामाशाह – श्री पाटिल
वर्षा जल संरक्षण के लिए भामाशाहों से सहयोग के लिए किया आह्वान
बीकानेर, 28 फरवरी। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सीआर पाटिल ने कहा कि पानी की कमी विकास के समक्ष एक बड़ी चुनौती है। इस चुनौती से निपटने के लिए वर्षा जल संग्रहण और संरक्षण कार्य हेतु समाज के प्रबुद्ध वर्ग, भामाशाहों को सरकार के ‘कर्मभूमि से मातृभूमि’ अभियान से जुड़ते हुए सहयोग करने की आवश्यकता है। कलेक्ट्रेट सभागार में मंगलवार को प्रबुद्धजन और व्यापारियों के साथ संवाद करते हुए जल शक्ति मंत्री श्री पाटिल ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी को पर्याप्त मात्रा जल मिले, यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है, क्योंकि जल नहीं होगा तो कल नहीं होगा। श्री पाटिल ने कहा कि अकेले सरकार सब कुछ नहीं कर सकती है। सरकार के साथ प्रबुद्ध वर्ग और भामाशाहों को इस पवित्र कार्य के लिए साथ आना होगा। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में राजस्थान में प्रारम्भ अभियान में अब तक देशभर में 4.5 लाख वर्षा जल संरक्षण संरचनाएं बनाई‌ जा चुकी‌ हैं। वहीं दस लाख संरचनाएं बनाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि डार्क जोन की स्थिति से निजात पाने, शहरों में
जलभराव की समस्या का निराकरण भी बोरवेल है। श्री पाटिल कहा कि रामरतन भूतड़ा द्वारा राजस्थान में 100 वाटर हार्वेस्टिंग शाफ़्ट बनाने का संकल्प लिया गया है। उन्होंने शहर के उद्यमियों, व्यापारियों को इस अभियान से जुड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि इससे अन्य लोगों को भी प्ररेणा मिलेगी
केंद्रीय मंत्री ने जिला कलेक्टर से इस अभियान का फोलोअप करने को कहा। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी कार्यालयों में भी वर्षा जल संरक्षण संरचनाएं बनवाई जाएं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हमारे देश का हर गांव जल के लिए आत्मनिर्भर होगा। इस दौरान आईजी श्री ओमप्रकाश, जिला कलेक्टर श्रीमती नम्रता वृष्णि, पुलिस अधीक्षक श्री कावेन्द्र सिंह सागर, सीईओ जिला परिषद श्री सोहनलाल‌ सहित उद्यमी श्री रामरतन भूतड़ा, श्री दीपक अग्रवाल सहित बीकानेर के उद्यमी और अन्य जनप्रतिनिधि और विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

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